केरल उच्च न्यायालय ने दो सेवानिवृत्त और एक मौजूदा न्यायाधीश पर न्यायिक कदाचार का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सवाल उठाया
By भाषा | Published: September 2, 2021 05:35 PM2021-09-02T17:35:57+5:302021-09-02T17:35:57+5:30
केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उन दो याचिकाओं की विचारणीयता पर सवाल उठाया, जिसमें उसके एक पीठासीन न्यायाधीश के साथ-साथ दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के खिलाफ मराडू फ्लैटों को गिराने के मामले में उनके द्वारा पारित आदेशों के संबंध में न्यायिक कदाचार का आरोप लगाया गया है। अदालत ने कहा कि अगर इस तरह की याचिकाओं पर विचार किया जाता है तो न्यायाधीश कैसे काम करेंगे। न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने एक मकान खरीदार की दो याचिकाओं की संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा, "अगर इस तरह की रिट याचिकाओं पर विचार किया जाता है, तो न्यायाधीश कैसे काम करेंगे? वे फैसला कैसे सुनाएंगे? वे भी इंसान हैं।" अदालत ने कहा कि वह केवल इस बात की जांच कर रही है कि क्या याचिकाएं सुनवाई के योग्य हैं या नहीं। अधिवक्ता यशवंत शेनॉय के माध्यम से दायर दोनों याचिकाओं में न्यायाधीशों के खिलाफ न्यायिक कदाचार की शिकायतों की जांच करने के लिए एक आंतरिक समिति गठित करने और उनकी शिकायतों पर पारित किसी भी आदेश की एक प्रति उन्हें देने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय दोनों याचिकाओं पर सुनवाई छह सितंबर को करेगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।