केरल 2021: एलडीएफ की सत्ता में वापसी, कोविड-19 का प्रकोप, भूस्खलन की चपेट में आया राज्य

By भाषा | Updated: December 29, 2021 14:36 IST2021-12-29T14:36:57+5:302021-12-29T14:36:57+5:30

Kerala 2021: Return of LDF to power, outbreak of Kovid-19, state in the grip of landslide | केरल 2021: एलडीएफ की सत्ता में वापसी, कोविड-19 का प्रकोप, भूस्खलन की चपेट में आया राज्य

केरल 2021: एलडीएफ की सत्ता में वापसी, कोविड-19 का प्रकोप, भूस्खलन की चपेट में आया राज्य

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर केरल विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के साथ एलडीएफ की सत्ता में वापसी, कोविड-19 का प्रकोप और फिर राज्य में विनाशकारी भूस्खलन 2021 में राज्य की बड़ी घटनाओं में शामिल रहे।

साल के अंत में भारतीय जनता पार्टी और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के पदाधिकारी की हत्याओं ने भी राज्य में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।

इस साल हुए केरल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। पार्टी ने 140 सदस्यीय विधानसभा सीट में से 99 पर जीत हासिल की और एक बार फिर राज्य में सरकार बनाई।

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एमए बेबी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘

लोगों ने विकास पथ को आगे बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए एलडीएफ को वोट दिया। यह एक ऐतिहासिक जीत है....।’’

पांच साल बाद सत्ता में आने की उम्मीद कर रहे कांग्रेस नीत यूडीएफ को विधानसभा चुनाव में केवल 41 सीटों पर जीत हालिस करने से एक बड़ा झटका लगा और इसने कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को राज्य में अपने नेतृत्व में कुछ बड़े बदलाव करने के लिए मजबूर किया।

इससे बाद, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के नेतृत्व वाले ‘‘ए’’ समूह और रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व वाले ‘‘आई’’ गुट को मजबूर होकर, कन्नूर के दिग्गज नेता के. सुधाकरन को कांग्रेस की राज्य इकाई का प्रमुख और परवूर के विधायक वीडी सतीसन को विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त करना पड़ा।

कांग्रेस नेता एवं अंगमाली से विधायक रोजी एम जॉन ने कहा, ‘‘ यकीनन हम चुनाव हारे हैं। इसकी उम्मीद नहीं थी। कुछ गलतियां हुईं है और हम उसे सुधारने की कोशिश करेंगे। हमें एक नया पीसीसी प्रमुख और नया विपक्ष का नेता मिला है। वह पार्टी को एक नई दिशा दे रहे हैं। हम यकीनन वापसी करेंगे।’’

विधानसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को भी एक बड़ा झटका दिया, जो केरल विधानसभा में अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उसके हाथ से 2016 के चुनाव में मिली एकलौती सीट नेमोम भी निकल गई।

भाजपा के सबसे चर्चित उम्मीदवार ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन को पलक्कड़ सीट से कांग्रेस के शफी परमबिल ने हराया और इसके बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया।

विधानसभा चुनाव खत्म होते ही राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप बरपा और इसके लिए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राजनीतिक रैलियां को जिम्मेदार ठहराया।

केरल में तीन अप्रैल को उपचाराधीन मामले 31,493 थे, जो 14 मई को बढ़कर 4,38,913 हो गए और इस कदर संक्रमण के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। राज्य में मध्य जून से मध्य अगस्त के बीच ईद और ओणम के त्योहार के बाद संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़े। अगस्त के अंतिम सप्ताह से पूरे सितंबर में राज्य में संक्रमण के दैनिक मामले 20,000 से अधिक रहे, जो कई बार 30,000 के आंकड़े को भी पार कर गए।

इससे निपटने के लिए केरल सरकार ने कई पाबंदियां लगाईं और स्वास्थ्य प्रणाली बेहतर करने के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की। आखिरकार अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में जाकर दैनिक मामले 10 हजार से कम हुए।

इस बीच, चीन वस्तुओं का व्यापारी मोनसन मावुंकल एक नए विवाद में फंस गया..उस पर बलात्कार पीड़िता ने आरोप लगाया कि व्यापारी ने उसे मामला वापस लेने के लिए धमकी दी। इससे पहले, मावंकुल को विभिन्न लोगों से 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मावुंकल ने उसे अपने पारिवारिक मित्र के खिलाफ दायर बलात्कार के मामले को वापस लेने के लिए कहा और धमकी दी है कि यदि उसने ऐसा नहीं किया, तो वह दोस्त द्वारा खींची गई उसकी अनुचित तस्वीरें जारी कर देगा।

वर्ष की दूसरी छमाही में भारी बारिश के कारण भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी वाम सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण 40 से अधिक लोगों की जान चली गई और सम्पत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ।

वहीं, साल के अंत में भी एक विवाद खड़ा हुआ..केरल में एर्नाकुलम जिले के किजहक्कम्बलम इलाके में क्रिसमस मनाने के लिए जमा हुए देश के पूर्वोत्तर इलाकों से आए प्रवासी कामगार हिंसक हो गए और उन्होंने कई पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की। हिंसा के दौरान पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से एक जीप को आग के हवाले कर दिया गया। इस मामले में ‘काइटेक्स कम्पनी’ के कम से कम 163 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

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