कठुआ गैंगरेपः SC का सरकारी वकील को सुरक्षा देने का आदेश, सभी आरोपी भेजे जाएंगे पंजाब की गुरुदासपुर जेल 

By रामदीप मिश्रा | Published: July 9, 2018 05:15 PM2018-07-09T17:15:23+5:302018-07-09T17:15:23+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले के आरोपियों को कठुआ जिला कारागार से पंजाब के गुरदासपुर जिला कारागार में स्थानांतरित किया जाए।

Kathua rape and murder case Supreme Court allows transfer of accused to gurdaspur jail in Punjab | कठुआ गैंगरेपः SC का सरकारी वकील को सुरक्षा देने का आदेश, सभी आरोपी भेजे जाएंगे पंजाब की गुरुदासपुर जेल 

कठुआ गैंगरेपः SC का सरकारी वकील को सुरक्षा देने का आदेश, सभी आरोपी भेजे जाएंगे पंजाब की गुरुदासपुर जेल 

जम्मू-कश्मीर, 09 जुलाई: कठुआ गैंगरेप मामले की पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील को सुरक्षा देने के लिए कहा गया है। इस संबंध में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले के आरोपियों को कठुआ जिला कारागार से पंजाब के गुरदासपुर जिला कारागार में स्थानांतरित किया जाए। वहीं, शीर्ष अदालत ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को 6 से 8 सप्ताह के भीतर इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल करने का भी निर्देश दिया। 

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट सामने आई थीं, जिसमें कहा गया था कि कठुआ गैंगरेप मामले के नाबालिग अभियुक्त पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कठुआ में एक 8 वर्षीय बच्ची का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था और सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी थी। इन आरोपियों में एक आरोपी नाबालिग है। 

कठुआ मामले की जाँच जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंपी गयी थी। पीड़िता के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को कश्मीर से पठानकोट की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। स्थानीय लोगों और बीजेपी के कई नेताओं ने आरोपियों को फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

कठुआ में रहने वाली आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी 2018 को लापता हो गयी थी। 17 जनवरी को उसका शव मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी। अप्रैल 2018 में मामले की सुनवाई शुरू हुई। मामले के सात बालिग अभियुक्तों पर पहले ही हत्या और बलात्कार का आरोप है। आठवां अभियुक्त नाबालिग था इसलिए उस पर किशोरों की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही थी। पुलिस द्वारा करायी गयी फोरेंसिक जांच के अनुसार डीएनए टेस्ट में अभियुक्तों के मामले में शामिल होने की पुष्टि हुई थी।

पुलिस ने आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या मामले में सांझी राम, दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, प्रवेश कुमार (मन्नू), सांझी राम के भतीजे, विशाल जंगोत्रा और एक नाबालिग को अभियुक्त बनाया। अभियुक्तों में एक मंदिर का पुजारी और चार पुलिसवाले भी शामिल हैं। इन सभी आरोप है कि इन्होंने कठुआ के रासना गाँव स्थित देवीस्थान मंदिर में आठ साल की बच्ची का बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। 

बच्ची बकरवाल मुस्लिम समुदाय से सम्बन्ध रखती है। एसआईटी ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि अभियुक्तों ने बकरवाल समाज को कठुआ से बाहर निकालने के लिए सोची-समझी योजना के तहत बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या की।

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Web Title: Kathua rape and murder case Supreme Court allows transfer of accused to gurdaspur jail in Punjab

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