कठुआ मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों की सुनाई उम्रकैद की सजा, जानिए पूरा घटनाक्रम
By भाषा | Published: June 10, 2019 02:17 PM2019-06-10T14:17:29+5:302019-06-10T17:02:37+5:30
जम्मू कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने के आरोपी छह लोगों को यहां की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने के आरोपी छह लोगों को यहां की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य तीन दोषियों को 5-5 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
देश को झकझोर कर रख देने वाले इस मामले से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है :
10 जनवरी, 2018 : जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हो गयी ।
12 जनवरी, 2018 : बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया।
17 जनवरी, 2018 : बच्ची का शव बरामद। पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई।
22 जनवरी, 2018 : मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया।
16 फरवरी, 2018 : दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया।
एक मार्च, 2018 : बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘’हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए ।
नौ अप्रैल, 2018 : पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया।
10 अप्रैल, 2018 : आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था । पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
14 अप्रैल, 2018 : हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘‘खौफनाक’’ बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा।
16 अप्रैल, 2018 : कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई। सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा।
सात मई, 2018 : उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया । शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया । साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो।
तीन जून, 2019 : सुनवाई पूरी हुई ।