कश्मीर: विदेशी आतंकियों की बढ़ती संख्या के कारण सुरक्षा बलों में भारी चिंता

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 25, 2023 04:34 PM2023-10-25T16:34:06+5:302023-10-25T16:42:38+5:30

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह परेशान हैं कि कश्मीर में आतंकी घटनाएं तो कम हो रही हैं लेकिन सीमापार से विदेशी आतंकियों की आमद बढ़ गई है।

Kashmir: There is great concern among the security forces due to the increasing number of foreign terrorists | कश्मीर: विदेशी आतंकियों की बढ़ती संख्या के कारण सुरक्षा बलों में भारी चिंता

फाइल फोटो

Highlightsजम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह इस महीने की 31 तारीख को होंगे रिटायर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि घाटी में सीमापार से विदेशी आतंकियों की आमद बढ़ गई हैदिलबाग सिंह ने कहा कि घाटी के युवाओं में आतंकी बनने के आकर्षण अब कम होने लगे हैं

जम्मू: इस महीने की 31 तारीख को रिटायर होने जा रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह उन बातों से परेशान हैं कि कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं तो कम हो रही हैं लेकिन सीमापार से विदेशी आतंकियों की आमद बढ़ गई है। दरअसल डीजीपी दिलबाग सिंह कश्मीर में घाटी में आतंकी हिंसा और युवाओं के बीच आतंकी बनने के आकर्षण कम होने के बावजूद विदेशी आतंकियों के बढ़ती संख्या से काफी चिंतित हैं।

इस पूरे ममाले को आकड़ों के माध्यम से समझते हैं। सुरक्षा बलों के दावानुसार कश्मीर में इस साल अभी तक 10 युवा आतंकी बने हैं। इनमें से 6 को मार गिराया गया है जबकि साल 2023 में कुल मरने वाले आतंकियों की संख्या 66 है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि वर्ष 2023 में 60 विदेशी आतंकी मारे गए जिनका संबंध पाकिस्तान, पाक कब्जे वाले कश्मीर और अफगानिस्तान से था।

जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह के अनुसार इस साल 10 स्थानीय युवा आतंकी गुटों में भर्ती हुए। इनमें से 6 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है। जानकारी के लिए 2019 में 119 युवा आतंकी बने थे। साल 2020 में 167 युवाओं ने आतंक का दामन था। वर्ष 2021 में 128 और 2022 में 100 युवा आतंकी गुटों में भर्ती हुए थे।

इतना जरूर था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आधिकारिक तौर पर पांच साल में कश्मीर में आतंकवादी हमलों में आम नागरिकों के मारे जाने के मामलों में 77 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक 22 सुरक्षाकर्मियों की जानें गई हैं और 10 नागरिक भी मारे गए हैं। जबकि पिछले साल यह संख्या क्रमशः 30-30 थी।

सुरक्षा बलों के लिए सिर्फ मरने वाले आतंकियों के आंकड़े ही परेशानी का कारण नहीं हैं। बल्कि एक्टिव आतंकियों की संख्या भी अभी चिंता का कारण है। हालांकि पुलिस महानिदेशक कहते थे कि कश्मीर में इस समय जो आतंकी एक्टिव हैं, वे मुट्टीभर हैं लेकिन विभिन्न सूत्र इनकी संख्याएं अलग-अलग बताते हैं, जो 60 से 300 के बीच हैं।

चिंता यहीं खत्म नहीं हो जाती है। सेना, बीएसएफ और अन्य गुप्तचर संस्थाएं लगातार दावा कर रही हैं कि पाक सेना 500 से 1000 के बीच आतंकियों को इस ओर धकेलने को उतावली है। इनमें कई वे कश्मीरी युवक भी हैं जो अब उम्र के एक पड़ाव पर पहुंच चुके हैं और वे पिछले कई सालों से पाक सेना के लिए बोझ बने हुए हैं। याद रहे एलओसी पर हाल में मारे गए कई आतंकी 50 की उम्र के पार के भी थे।

Web Title: Kashmir: There is great concern among the security forces due to the increasing number of foreign terrorists

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