कसबा पेठ उपचुनाव: भाजपा के गढ़ में कांग्रेस को बड़ी सफलता, कांग्रेस के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने हेमंत रसाने को 11,040 मतों से हराया
By शिवेंद्र राय | Published: March 2, 2023 02:10 PM2023-03-02T14:10:28+5:302023-03-02T14:11:50+5:30
कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रवींद्र धंगेकर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का भी समर्थन प्राप्त था। कसबा पेठ विधानसभा सीट भाजपा विधायक मुक्ता तिलक की साल 2022 में हुई मौत के बाद खाली हुई थी।
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में कसबा पेठ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। कसबा पेठ सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने बड़ी जीत दर्ज की है। कसबा पेठ विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने 11,040 मतों से जीत दर्ज की है। कांग्रेस की ये जीत कई मायनों में इसलिए खास है क्योंकि इस सीट को भाजपा का अभेद्य किला माना जाता था। पिछले 30 साल से यहां भाजपा काबिज थी लेकिन इस बार बार बीजेपी का किला ढह गया।
कसबा पेठ सीट से कांग्रेस के नेता और महा विकास आघाड़ी के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर के सामने भाजपा के हेमंत थे। मुकाबला कांटे का माना जा रहा था लेकिन जब परिणाम आए तब रवींद्र धंगेकर 11,040 मतों से विजयी घोषित हुए। रवींद्र धंगेकर को 72000 जबकि भाजपा उम्मीदवार को 61000 हजार मत मिले।
इस जीत के बाद कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई। भाजपा के 30 साल से गढ़ रहे कसबा पेठ विधानसभा सीट पर अपना झंडा गाड़ने के बाद महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि बीजेपी की उलटी गिनती शुरू हो गई है। एनसीपी नेता अजित पवार ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा, "मुख्यमंत्री ने कसबा में रोड शो किया। क्या राज्य के मुख्यमंत्री कभी रोड शो करते हैं? मैंने ऐसा कहा तो उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों का मुख्यमंत्री हूं। आम लोगों से मिलेंगे। अब गौर कीजिए कि आम आदमी से मिलने के बाद भी आम आदमी ने उन्हें हरा दिया।"
11 हजार मतों से पराजित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार हेमंत रसाने ने भी अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैं प्रत्याशी के तौर पर पिछड़ गया। मुझे यह परिणाम स्वीकार है।"
बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रवींद्र धंगेकर को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का भी समर्थन प्राप्त था। यह सीट भाजपा विधायक मुक्ता तिलक की साल 2022 में हुई मौत के बाद खाली हुई थी। मतगणना के पहले राउंड से ही धंगेकर ने अपनी बढ़त बनाए रखी और अंत में विजय भी उन्हीं की हुई। इस जीत के बाद प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है।