कर्नाटक: येदियुरप्पा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा-जेडीएस के गठबंधन की बात को नकारा
By अनुभा जैन | Published: July 5, 2023 02:04 PM2023-07-05T14:04:38+5:302023-07-05T14:09:19+5:30
बीएस येदियुरप्पा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि भाजपा-जेडीएस का गठबंधन राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों के रूप में कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ाई तक ही सीमित है। उसका 2024 में लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
बेंगलुरु: भगवा पार्टी बोर्ड के सदस्यों, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील और लोकसभा सदस्य डीवी सदानंद गौड़ा सहित पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने चुनाव पूर्व पांच वादों को पूरा करने में विफलता और कर्नाटक की जनता को गुमराह करने के लिए सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के खिलाफ बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन किया।
बीएस येदियुरप्पा ने कहा, “हम धर्मांतरण विरोधी और गोहत्या विरोधी कानूनों को वापस लेने की सरकार की घोषित योजना का विरोध कर रहे हैं, जो भाजपा द्वारा अतीत में पेश किए गए थे। प्रत्येक जिले में सत्र के बाद, हमने अपनी पांच चुनाव पूर्व गारंटी को लागू करने में विफल रहने के लिए सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।’’
100 से अधिक बीजेपी नेताओं, विधायकों और एमएलसी के सदस्यों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, जिन्हें कर्नाटक के राज्य विधानसभा के दोनों सदनों के लिए विपक्ष का नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, मंगलवार रात नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
मई 2023 में भाजपा के विधानसभा चुनाव हारने के बाद, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ राज्य विधानसभा के दोनों सदनों के लिए विपक्ष के नेता की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। इन प्रमुख पदों के लिए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, बसवराज बोम्मई, कोटा श्रीनिवास पुजारी, चलवाडी नारायणस्वामी और वी.सुनील कुमार का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
बीजेपी महासचिव और एमएलसी एन.रवि कुमार ने बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक जो रिपोर्ट नेताओं को देंगे। उनके निर्णय के अनुसार तीन पदों यानी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं के लिए नामों का खुलासा एक या दो दिन में किया जाएगा।
भाजपा के कुछ वरिष्ठ राजनेताओं ने अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले पर्यवेक्षकों से जाति और क्षेत्रों को समान प्रतिनिधित्व देने का आग्रह किया है। दूसरे दिन भाजपा नेताओं के दोनों सदनों के वेल में प्रवेश करने के विरोध के बाद राज्य विधानसभा और परिषद के सत्र कई बार बाधित और स्थगित हुए।
सीएम सिद्धारमैया ने बीजेपी सदस्यों से अनुरोध किया कि सरकार चुनावी गारंटी पर उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देने को सरकार तैयार है। हालांकि, बीजेपी विधायकों और सदस्यों ने फिर भी हंगामा किया। ऐसी अटकलें थीं कि बीजेपी और जेडीएस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी गठबंधन बना सकते हैं।
बीएस येदियुरप्पा ने बयान दिया कि बीजेपी और जेडीएस सामूहिक रूप से कांग्रेस सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही जेडीएस के वरिष्ठ नेता कुमारस्वामी ने कहा कि कुछ भी संभव हो सकता है।
इन बयानों को एक संकेत के रूप में लिया गया था कि दोनों दल आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मिलकर काम करेंगे। हालांकि बाद में येदियुरप्पा ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि जिन दो पार्टियों के गठबंधन की वह बात कर रहे थे, वह राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों के रूप में उनकी लड़ाई तक ही सीमित था और इसका 2024 में लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।