कर्नाटक संकट: एक्शन में संकटमोचक डीके शिवकुमार, बागी विधायकों को मनाने की कोशिश जारी, एक ने दिलाया भरोसा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 13, 2019 03:13 PM2019-07-13T15:13:45+5:302019-07-13T15:13:45+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी।
कर्नाटक में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विधानसभा में सभी को हैरान करते हुए घोषणा की कि वह विश्वास मत कराएंगे जिसके एक दिन बाद असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इसी बीच बागी विधायक एमटीबी नागराज ने कहा, 'स्थितियां ऐसी हो गई थीं कि हमने अपना इस्तीफा दे दिया था लेकिन अब डीके शिवकुमार और बाकी नेताओं ने हमसे निवेदन किया कि हम इस्तीफा वापस लें। मैं के सुधाकर राव से बात करूंगा और तब देखूंगा कि क्या किया जा सकता है। आखिर मैंने कांग्रेस में कई दशकों तक काम किया है।'
कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने इस मौके पर खुशी जताते हुए कहा, 'हमें साथ जीना और मरना चाहिए क्योंकि हमने पार्टी के लिए 40 सालों तक काम किया है। हर परिवार में उतार चढ़ाव आते हैं। हमें सब भूल जाना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। खुश हूं कि एमटीबी नागराज ने हमें आश्वासन दिया है कि वह हमारे साथ रहेंगे।'
बागी विधायकों को मनाने के लिए डी के शिवकुमार गए उनके घर
कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले एवं जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार सुबह करीब पांच बजे आवास मंत्री एम टी बी नागराज के आवास पहुंचे और वह उन्हें मनाने के लिए करीब साढ़े चार घंटे तक वहां रहे। खबरों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते उनके घर गए। नागराज ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिश की गई।
14 बागी विधायक शिरडी रवाना
महानगर में पिछले सप्ताह से डेरा डाले कर्नाटक के 14 बागी विधायक साई बाबा मंदिर के दर्शन करने शनिवार को शिरडी रवाना हो गए। कांग्रेस-जद (एस) के ये बागी विधायक अहमदनगर जिले के शिरडी स्थित साई बाबा मंदिर के दर्शन करेंगे। सूत्रों ने कहा, ‘‘विधायक एक निजी विमान से शिरडी के लिए रवाना हो गए। वे आज बाद में लौटेंगे।’’ शुक्रवार को इन 14 विधायकों में से चार ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। इस्तीफा देने और कर्नाटक की 13 महीने पुरानी जद(एस)-कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विधायक पिछले शनिवार से मुंबई में डेरा डाले हुए हैं। बृहस्पतिवार को वे अपना इस्तीफा सौंपने बेंगलूरू गए थे, लेकिन उसी दिन मुंबई स्थित आलीशान होटल वापस आ गए थे। कर्नाटक विधानसभा का 11 दिवसीय मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया।
येदियुरप्पा ने कहा- राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है
जद (एस) में सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी इस्तीफा देने वाले कम से कम चार कांग्रेस विधायकों के साथ सीधे संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे। संभवत: आगामी सप्ताह में विश्वास मत के मद्देनजर विधायकों को एकजुट रखने की कवायद के तहत कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने विधायकों को होटल और रिजॉर्ट में भेज दिया है। इन घटनाक्रमों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि सरकार का पतन ‘‘निकट’’ है। येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस और जद(एस) में भ्रम है जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं। विधायकों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्थागत साजिश चल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘माहौल अराजक है और सरकार का पतन आसन्न है।’’ येदियुरप्पा ने दावा किया कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है। उन्होंने कहा कि विश्वास मत कराना ‘‘निरर्थक’’ है।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के दिए आदेश
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी। कर्नाटक में पिछले साल त्रिशंकु विधानसभा के बाद गठबंधन सरकार बनी थी। तब से ही सरकार उतार-चढ़ाव के कई दौर से गुजरी है। सरकार अब गंभीर संकट से गुजर रही है। उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 16 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के 1) हैं। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन की संख्या घटकर 100 रह जाएगी। (पीटीआई इनपुट के साथ)