कर्नाटक सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना, कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला, जानें कारण
By भाषा | Published: December 14, 2022 09:49 PM2022-12-14T21:49:03+5:302022-12-14T22:27:39+5:30
उच्च न्यायालय ने इन चुनावों के मद्देनजर परिसीमन और अन्य पीछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण सूची तैयार करने से जुड़ी कवायद पूरी करने के लिए राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया।
बेंगलुरुः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को जिला पंचायत और तालुक पंचायत चुनावों को कराने में कथित तौर पर ‘विलंब की रणनीति’ अपनाने के लिए राज्य सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने इन चुनावों के मद्देनजर परिसीमन और अन्य पीछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण सूची तैयार करने से जुड़ी कवायद पूरी करने के लिए राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति अशोक के किनागी की पीठ ने कर्नाटक राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई की जिसमें राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह परिसीमन सूची जारी करने के साथ कर्नाटक ग्राम स्वराज एवं पंचायत राज (संशोधन) विधेयक को खारिज कर दे।
उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पांच लाख रुपये का भुगतान 28 जनवरी तक करे। इस राशि में से दो लाख रुपये कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में, दो लाख रुपये बेंगलुरु के अधिवक्ता संघ में और एक लाख रुपये अधिवक्ता-क्लर्क कल्याण संघ में जमा किये जाएंगे।