कर्नाटक हिजाब विवादः कोर्ट ने पूछा- संस्थानों में हिजाब की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, AG ने दिया ये जवाब
By अनिल शर्मा | Updated: February 21, 2022 15:33 IST2022-02-21T15:17:41+5:302022-02-21T15:33:07+5:30
मामले पर सुनावई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने महाधिवक्ता (Adocate General) से पूछा कि क्या संस्थानों में हिजाब की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।। मामले पर सुनावई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने महाधिवक्ता (Adocate General) से पूछा कि क्या संस्थानों में हिजाब की अनुमति दी जा सकती है या नहीं?

कर्नाटक हिजाब विवादः कोर्ट ने पूछा- संस्थानों में हिजाब की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, AG ने दिया ये जवाब
कर्नाटकः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है। मामले पर सुनावई के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने महाधिवक्ता (Adocate General) से पूछा कि क्या संस्थानों में हिजाब की अनुमति दी जा सकती है या नहीं?
कोर्ट के सवाल पर महाधिवक्ता ने जवाब दिया कि सरकार के आदेश का सक्रिय हिस्सा इस संबंध में निर्णय लेने के लिए संस्थानों पर छोड़ देता है। एजी का कहना है कि सरकार का आदेश संस्थानों को वर्दी तय करने के लिए पूर्ण स्वायत्तता देता है। एजी ने कोर्ट से कहा, कर्नाटक शिक्षा अधिनियम की प्रस्तावना धर्मनिरपेक्ष वातावरण को बढ़ावा देना है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य का रुख यह है कि धार्मिक पहलुओं को पेश करने का तत्व वर्दी/यूनिफॉर्म में नहीं होना चाहिए।Karnataka High Court begins hearing various petitions challenging the ban on hijab in educational institutions in the state.#HijabRowpic.twitter.com/pVd8QpNxb7
— ANI (@ANI) February 21, 2022
इससे पहले राज्य सरकार ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य प्रथा नहीं है और शैक्षणिक संस्थाओं में इसके उपयोग को रोकना संविधान द्वारा प्रदान किए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार (आर्टिकल 25) के खिलाफ नहीं है। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए, कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को बताया था कि “हिजाब पहनना इस्लाम का एक अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है।”