कर्नाटक सरकार ने ओला, उबर और रैपिडो के लिए 5 फीसदी कमीशन का प्रस्ताव रखा
By रुस्तम राणा | Published: November 25, 2022 08:54 PM2022-11-25T20:54:31+5:302022-11-25T21:06:36+5:30
परिवहन विभाग के सूत्रों ने कहा कि सचिव के कार्यालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया है कि लगभग 5 प्रतिशत उचित कमिशन है जिसे अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इसमें अंतिम निर्णय, कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा लिया जाएगा।

कर्नाटक सरकार ने ओला, उबर और रैपिडो के लिए 5 फीसदी कमीशन का प्रस्ताव रखा
बेंगलुरु: कर्नाटक के परिवहन सचिव ने शुक्रवार को ऐप-आधारित ऑटो एग्रीगेटर्स ओला, उबर और रैपिडो द्वारा लगाए जाने वाले जीएसटी के अलावा 5 प्रतिशत कमीशन का प्रस्ताव रखा है, जो कमीशन को 10 प्रतिशत पर रखने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के अस्थायी आदेशों से कम है।
परिवहन विभाग के सूत्रों ने कहा कि सचिव के कार्यालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया है कि लगभग 5 प्रतिशत उचित कमिशन है जिसे अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इसमें अंतिम निर्णय, कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा लिया जाएगा।
सरकार का यह कदम ऐप-आधारित ऑटो एग्रीगेटर्स ओला, उबर और रैपिडो के कमीशन शुल्क और लाइसेंस पर चल रही बहस के महीनों के बाद आया है। कमीशन में एक सुविधा शुल्क शामिल होता है, जो यात्रियों से दरवाजे से पिक-अप के लिए लिया जाता है। कमिशन में यात्रियों को खोजने में ऐप-आधारित आसानी के लिए ड्राइवरों से कटौती की गई राशि भी शामिल है।
अदालत 28 नवंबर को सभी पक्षों की सुनवाई करेगी। एक मीडिया बयान में उबर के प्रवक्ता ने कहा है कि अगर कमीशन टिकाऊ नहीं है तो कंपनी को लागत में कटौती करनी होगी। उन्होंने कहा, हमें अभी तक सरकार के प्रस्ताव को देखना बाकी है।
उबर की तरफ से कहा गया, जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, संचालन के लिए कमीशन की कोई भी बाधा वित्तीय रूप से टिकाऊ होनी चाहिए। यदि हमारी लागत कमीशन के माध्यम से कवर नहीं की जा सकती है, तो हमें लागत को कम करने के तरीके खोजने होंगे।
इससे पहले, सरकार ने एग्रीगेटर द्वारा लगाए गए कमीशन को 10 प्रतिशत पर रखने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के अस्थायी आदेशों पर सहमति व्यक्त की थी।