कर्नाटक: बाढ़ प्रभावित कोडागू दौरे पर गईं निर्मला सीतारमण, मंत्री पर निकाला गुस्सा
By भाषा | Published: August 25, 2018 03:29 AM2018-08-25T03:29:37+5:302018-08-25T03:29:37+5:30
जिले में बाढ़ के चलते 5000 से अधिक लोग बेघर हो गये हैं जहां बचाव एवं राहत जोर शोर से चल रहे हैं।
मेडिकेरी (कर्नाटक), 25 अगस्त: कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित कोडागू जिले के दौरे के दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कर्नाटक के मंत्री सा . रा . महेश के बीच यात्रा कार्यक्रम पर आज बहस हो गयी। जिला आयुक्त कार्यालय में अधिकारियों और मीडिया की मौजूदगी में यह सारा घटनाक्रम हुआ ।
सीतारमण प्रभावित लोगों के समूह से बात कर रहीं थीं, उसी दौरान जिला प्रभारी मंत्री महेश ने उनसे कहा कि समीक्षा बैठक के लिए अधिकारी उनका इंतजार कर रहे हैं और उन सबको पुनर्वास कार्य के लिए जाना है। उन्होंने कहा कि वह पहले अधिकारियों से बात कर लें, जिसपर सीतारमण राजी भी हो गयीं।
सीतारमण ने कहा, ‘‘मैंने प्रभारी मंत्री का अनुसरण किया। यहां केंद्रीय मंत्री, प्रभारी मंत्री का अनुसरण कर रहे हैं। अदभुत! आपके पास मेरे लिए मिनट-मिनट का लिस्ट है। मैं आपके कार्यक्रम के हिसाब से काम कर रही हूं।
इसके बाद सीतारमण ने जानना चाहा कि कितने अधिकारी पुनर्वास कार्य में लगे हुए हैं और उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि कामकाज बाधित हो। बाद में महेश ने कहा कि कोडागू के लिए केंद्र से कोष की मांग के कारण सीतारमण ने यह टिप्पणी की।
जिले में बाढ़ के चलते 5000 से अधिक लोग बेघर हो गये हैं जहां बचाव एवं राहत जोर शोर से चल रहे हैं। समीक्षा बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री सा रा महेश और स्थानीय सांसद प्रताप सिन्हा, जिला प्रशाासन के अधिकारी, सरकारी विभागों के अधिकारी और रक्षाकर्मी शामिल हुए। अधिकारियों के अनुसार जिले में 150 फीसद वर्षा हुई है।
सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र अधिकारियों के दल के आकलन तथा राज्य सरकार के नुकसान के अनुमान के बाद राहत एवं पुनर्वास पैकेज की घोषणा करेगा।
केन्द्र द्वारा दिये जाने वाले राहत पैकेज के बारे में उन्होंने कोई भी अनुमान लगाने से इंकार कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह अनुमान लगाना बुद्धिमत्ता नहीं होगा कि केन्द्र क्या दे सकता है और केन्द्र क्या नहीं दे सकता...किन्तु जब दल आएंगे तथा जब आकलन किया जाएगा, जिसमें आपकी (राज्य की) सभी जानकारियों पर भी गौर किया जाएगा तथा आपकी जानकारियों के आधार पर ही केन्द्रीय आकलन दल किसी राशि को तय करेगा।’’
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने बाद में एक ट्वीट के जरिये सूचित किया कि मंत्री ने अपनी सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से एक करोड़ रूपये तथा रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम के निगमित सामाजिक दायित्व कोष से सात करोड़ रूपये देने की घोषणा की है।