बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की 224 सीटों पर बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हो रहा है। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चलेगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शिग्गांव के मतदान केंद्र संख्या-102 पर अपना वोट डाला।
गौरतलब है कि शिग्गांव सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जा रही है, क्योंकि यहां से बसवराज बोम्मई चुनावी मैदान में है। सीएम बोम्मई के खिलाफ कांग्रेस से यासिर अहमद खान पठान और जेडीएस ने शशिधर चन्नबसप्पा यलीगर किस्मत आजमा रहे हैं। मतदान से पहले बसवराज ने गायत्री देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने लोगों से वोट डालने की अपील करते हुए कहा कि जिस प्रकार से हमारी पार्टी, कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कैंपेन की है उससे मैं बहुत खुश हूं। मैं कर्नाटक के लोगों से अपील करता हूं कि बढ़ चढ़कर कर्नाटक के विकास के लिए वोट करें।
मतदान के बाद बसवराज ने कहा कि मैंने मतदान कर लोकतंत्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है, इस बार मैं रिकॉर्ड अंतर से जीतूंगा और भाजपा पू्र्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। यह विकास और नकारात्मक अभियान के बीच की लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा, मैं कर्नाटक के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि अपने मतदान के हक का इस्तेमाल करें और कर्नाटक के भविष्य के 5 साल के लिए वोट करें।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के साथ ही पंजाब में एक संसदीय सीट और मेघालय, ओडिशा और यूपी की विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी के लिए मतदाताओं से मतदान करने की अपील की। राज्य के अलग-अलग बूथों से तस्वीरें सामने आई हैं। श्री राम सेना के अध्यक्ष और करुणेश्वर मठ के प्रमुख, एंडोला सिदालिंगा स्वामी तुमकुर के एक मतदान केंद्र पर सुबह-सुबह मतदान किया।
वहीं बीईएस कॉलेज जयनगर में मतदान केंद्र संख्या-54 पर भी सुबह-सुबह काफी संख्या में मतदाता कतार में खड़े नजर आए। इसके साथ ही जे.पी. नगर के एक मतदान केंद्र और कीर्ति स्कूल मतदान केंद्र, बसवा नगर, मतदान बूथ संख्या-120 पर भी मतदान के लिए मतदाताओं की काफी मौजूदगी देखी गई।
राज्य के तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) ने मतदाताओं को लुभाने, वादे करने लगाने का प्रयास किया है। लिंगायत और वोक्कालिगा मतदाता चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। लिंगायत आबादी का 17 प्रतिशत और वोक्कालिगा 11 प्रतिशत हैं।
कर्नाटक में 224 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहा है, जिसमें 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं। उम्मीदवारों के भाग्य का पता वोटों की गिनती के दिन 13 मई को चलेगा। सहायक मतदान केंद्रों सहित 58,545 मतदान केंद्रों पर मतदान निर्धारित है।
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 113 सीटें चाहिए। विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए कुल 42,48,028 नए मतदाता पंजीकृत किए गए हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है, वहीं कांग्रेस के लिए भी बहुत कुछ दांव पर है। इस दक्षिणी राज्य में जीत से कांग्रेस को जहां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए ‘संजीवनी’ मिलेगी और केंद्रीय स्तर पर उसकी स्थिति मजबूत होगी वहीं भाजपा के लिए यहां की जीत दक्षिण में पैर पसारने की उसकी उम्मीदों को पंख देगा तथा 2024 से पहले फिर से उसे मजबूत स्थिति में ला खड़ा करेगा।
बहरहाल, कर्नाटक में नयी सरकार चुनने के लिए बुधवार को लोग मतदान करेंगे। करीब महीने भर चले चुनाव प्रचार के शुरुआती दिनों में विचारधारा के साथ-साथ शासन से जुड़े मुद्दे हावी रहे लेकिन अंतिम चरण में भगवान हनुमान के ‘प्रवेश’ ने मुकाबले को रोचक बना दिया।
कांग्रेस ने पहले बीएस येदियुरप्पा और फिर बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तहत कथित भ्रष्टाचार को लेकर ‘40 फीसदी कमीशन सरकार’ के मुद्दे को जोरशोर से उछालकर चुनावी बढ़त हासिल करने की कोशिश की तो भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘करिश्मे’ और ‘डबल इंजन’ सरकार के फायदे गिनाते हुए जनता को साधने की भरपूर कोशिश की।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ‘पांच गारंटी’ के साथ ही कई कल्याणकारी उपायों और रियायतों की घोषणा की तथा कुल आरक्षण को मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का वादा किया है।