"बाबरी गिराने के बाद लोगों ने तंबू में दो 'गुड़िया' रखी और उन्हें राम कहा", कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा, टीएस सिंह देव ने कहा, 'उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 17, 2024 08:57 AM2024-01-17T08:57:35+5:302024-01-17T09:04:17+5:30
कर्नाटक सरकार के मंत्री राजन्ना ने राम मंदिर पर बेहद विवादित बयान देते हुए कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद के गिराने के बाद लोगों ने एक तंबू में दो 'गुड़िया' रख दी और उन्हें राम कह दिया।
रायपुर: कर्नाटक के सिद्धारमैया सरकार के मंत्री केएन राजन्ना द्वारा भगवान राम पर की गई विवादित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि उन्हें ऐसे बयानों को देने की कोई जरूरत नहीं है।
समाचार एजंसी एएनआई के बात करते हुए कांग्रेस नेता देव ने कहा, "भगवान राम सदियों से लोगों के दिलों में हैं। मुझे लगता है कि ऐसे बयानों की कोई जरूरत नहीं है।"
इससे पहले मंगलवार को मंत्री राजन्ना ने राम मंदिर पर बेहद विवादित बयान देते हुए कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद के गिराने के बाद लोगों ने एक तंबू में दो 'गुड़िया' रख दी और उन्हें राम कह दिया।
राजन्ना ने मंगलवार को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बीजेपी भगवान राम के नाम पर लोगों को धोखा दे रही है। यही नहीं राजन्ना ने भगवान राम की तुलना "तंबू में गुड़िया" से भी की।
उन्होंने कहा, "हजारों साल पुराने इतिहास वाले राम मंदिर हैं लेकिन भाजपा चुनावों के लिए मंदिर बना रही है। भाजपा लोगों को धोखा दे रही है। जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था तो मैं अयोध्या गया था। वहां पर उन्होंने बाद में तंबू में दो गुड़िया रख दी और उन्हें राम कह दिया।"
मंत्री राजन्ना ने कहा, "घर से जब हम राम मंदिर जाते हैं, तो वापस आकर हमें एक खास कंपन महसूस होता है लेकिन अयोध्या में मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ।"
मालूम हो कि अयोध्या के ऐतिहासिक राम मंदिर में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी।
अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले मंगलवार को शुरू हो गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के लिए 'दर्शन' के लिए खुला रहेगा।
उन्होंने कहा, "मंदिर में श्रीराम लला की 'प्राण प्रतिष्ठा' दोपहर 1 बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है। पीएम मोदी सहित इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोग समारोह के बाद अपने विचार व्यक्त करेंगे। परंपरा के अनुसार 1,000 टोकरियों में उपहार नेपाल के जनकपुर और मिथिला के क्षेत्रों से आए हैं। 20 जनवरी को और 21 तारीख को दर्शन जनता के लिए बंद रहेंगे।"