सिद्धारमैया सरकार ने दी बड़ी राहत, किसानों को 7 घंटे बिजली
By अनुभा जैन | Published: November 6, 2023 05:45 PM2023-11-06T17:45:39+5:302023-11-06T17:52:37+5:30
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसानों के सिंचाई पंप सेटों को हर दिन 7 घंटे बिजली देने का फैसला और घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसा हो चुका है और आज से ही 7 घंटे बिजली दी जायेगी।
बेंगलुरु: अब राज्य सरकार पूरे कर्नाटक में किसानों के सिंचाई पंप सेटों को हर दिन 7 घंटे बिजली उपलब्ध कराएगी। बेंगलुरु में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसानों के सिंचाई पंप सेटों को हर दिन 7 घंटे बिजली देने का फैसला और घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसा हो चुका है और आज से ही 7 घंटे बिजली दी जायेगी। लगातार 7 घंटे तक बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिदिन 14 मिलियन यूनिट की आवश्यकता होती है, जिसके लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
बैठक में सरकार पर बोझ न पड़े इसके लिए 7 घंटे बिजली देने का निर्णय लिया गया, जिससे पुनर्वितरण से अनुदान के हिसाब से 1500 करोड़ की बचत होगी। उन्होंने कहा, लागत वहन की जाएगी। अगले वर्ष सिंचाई पम्प सेटों को सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने हेतु कदम उठाये जा रहे हैं तथा निविदा प्रक्रिया प्रगति पर है।उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तक किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराना सुविधाजनक हो जायेगा।
पिछले साल की तुलना में इस साल बिजली की मांग औसतन 43 प्रतिशत बढ़ी है। बिजली की खपत 9 से 14 फीसदी तक बढ़ गई है। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि बारिश की कमी और कोविड के बाद आर्थिक सुधार इसकी वजह हैं। पिछली प्रगति समीक्षा के बाद रायचूर, बेल्लारी और थर्मल पावर प्लांट का उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से बिजली ली जा रही है।
धारा 11 राज्य में उत्पादित विद्युत को राज्य को दिये जाने का आदेश देती है तथा तदनुसार विद्युत प्राप्त की जा रही है। इससे बिजली वितरण सामान्य हो गया है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस बैठक में ऊर्जा मंत्री के.जे. जॉर्ज, प्रमुख शासन सचिव वंदिता शर्मा, मुख्यमंत्री के उप मुख्य सचिव डॉ. रजनीश गोयल, ऊर्जा विभाग के उप मुख्य सचिव गौरव गुप्ता, वित्त विभाग के उप मुख्य सचिव एल.के. अतीक समेत कई लोग मौजूद रहे।