कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई का ‘बयान’ महाराष्ट्र विधानसभा में उठा
By भाषा | Updated: December 24, 2021 19:45 IST2021-12-24T19:45:25+5:302021-12-24T19:45:25+5:30

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई का ‘बयान’ महाराष्ट्र विधानसभा में उठा
मुंबई, 24 दिसंबर कांग्रेस के एक विधायक ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कथित टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए कि जाट तहसील के 40 गांवों का दक्षिणी राज्य में शामिल होने के लिए स्वागत है।
सीमावर्ती जिले सांगली में जाट के विधायक विक्रमसिंह सावंत महाराष्ट्र विधानसभा में बोल रहे थे। उन्होंने दावा किया कि बोम्मई ने इस सप्ताह की शुरुआत में कर्नाटक विधानसभा में यह टिप्पणी की थी।
विधायक ने कहा, ‘‘बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक बेलगाम (बेलगावी) का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा और यदि जाट तहसील की 40 ग्राम पंचायतें यह प्रस्ताव पारित करती हैं कि वे कर्नाटक का हिस्सा बनना चाहती हैं, तो उन्हें शामिल किया जाएगा।’’ सावंत ने कहा कि टिप्पणी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
कर्नाटक में मराठी बहुल सीमावर्ती क्षेत्रों के समन्वय मंत्री एवं राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि बोम्मई ने जो कहा वह कभी नहीं होगा।
सावंत ने कहा कि इन 40 गांवों ने 2011-12 में एक आंदोलन शुरू किया था, जिसमें पीने के पानी सहित बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने पर कर्नाटक में शामिल होने की धमकी दी गई थी। उन्होंने कहा कि हालांकि ग्राम पंचायतों ने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया था।
राकांपा विधायक रोहित पवार ने कहा कि बेलगावी के एक प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में कई युवाओं को उनके घरों से उठाया और हिरासत में लिया। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे को देखना चाहिए।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच कई दशकों से सीमा विवाद है और मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। महाराष्ट्र बेलगावी, करवार और आसपास के क्षेत्रों पर दावा करता है, जहां मराठी भाषी आबादी की काफी संख्या है और जो दक्षिणी राज्य का हिस्सा है।
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