नई दिल्ली, 20 मई: कर्नाटक में बीजेपी की सरकार गिर जाने के बाद जेसीएस नेता कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगें। इसी बीच बीजेपी के अल्पमत सरकार को लेकर खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि कर्नाटक की बीजेपी येदियुरप्पा के शपथ के खिलाफ थी। लेकिन दिल्ली की बीजेपी के अड़ने के कारण येदियुरप्पा ने शपथ ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर जोकि इस चुनाव में बेहद अहम भूमिका में थे उन्होंने बहुमत का जुगाड़ जल्दी संभव नहीं होने की बात कही थी। उनका मन था कि पहले कांग्रेस-जेडीएस को सरकार बनाने देना चाहिए।
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इसके साथ ही उनकी योजना थी कि जब राज्यपाल द्वारा कांग्रेस-जेडीएस को फ्लोर टेस्ट के 10-15 दिन का समय मिलेगा उस बीच वह विधायक जोड़-तोड़ करके सरकार गिरा देते। या फिर सरकार चलने के 5-6 महीने के बाद गठबंधन सरकार के विवादों को लेकर सरकार गिरा सकते हैं, लेकिन पार्टी के आलाकमान चाहते थे कि सरकार बने। इसके बाद विधायकों को एक साथ लाने का काम येदियुरप्पा के विरोधी रहे सोमशेखर रेड्डी को सौंपा गया।
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लेकिन इस बार विपक्ष अपने विधायकों को लेकर काफी सावधान रही, वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी की सारी प्लानिंग पर पानी फेर दिया। सोने पर सुहागा तब हुआ जब विपक्ष ने अपने सभी विधायकों को रिजोर्ट में बंद कर के रखा, जिसके कारण पार्टी किसी से भी संपर्क नहीं कर पाई।
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गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बीजेपी की कर्नाटक में सरकार गिर गई। येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के साथ ही कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट टल गया। इससे पहले मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत पेश किया था। बीजेपी के पास 104 सीटें थी लेकिन बहुमत के लिए उसे 112 सीटों की जरूरत थी।