Karnataka Assembly Elections: 'आप' को तगड़ा झटका, पूर्व आईपीएस और चुनाव घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष भास्कर राव ने पार्टी को कहा 'नमस्ते', भाजपा में हुए शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 1, 2023 11:16 AM2023-03-01T11:16:38+5:302023-03-01T14:17:54+5:30
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को उस समय भारी झटका लगा जब सूबे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व आईपीएस भास्कर राव ने अरविंद केजरीवाल को नमस्ते करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है।
बेंगलुरु:कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को उस समय भारी धक्का पहुंचा, जब बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष भास्कर राव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी अभी दिल्ली में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से उबरी नहीं थी कि भास्कर राव के रूप में उसे और तगड़ा झटका लगा है।
आम आदमी पार्टी पंजाब की तरह कर्नाटक में भी सत्ता के विस्तार के लिए जोरशोर से लगी थी लेकिन इस बीच भास्कर राव ने पार्टी को नमस्ते कहकर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भारी परेशानी में डाल दिया है। जानकारी के मुताबिक भास्कर राव कर्नाटक में आम आदमी पार्टी की प्रबल विरोधी और फिलहाल सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
Karnataka | Former commissioner of Bengaluru and AAP leader Bhaskar Rao joins BJP, in Bengaluru pic.twitter.com/o1TdIGfUve
— ANI (@ANI) March 1, 2023
लेकिन इस मामले में बेहद दिलचस्प है कि राव ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया जब आगामी विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक आ गये हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी का कर्नाटक में पार्टी का झंडा बुलंद करने का सपना चकनाचूर हो सकता है। बताया जा रहा है पूर्व आईपीएस भास्कर राव ने यह फैसला कर्नाटक सरकार के राजस्व मंत्री आर अशोक से मुलाकात के बाद लिया है।
इतना ही नहीं भास्कर राव पार्टी में शामिल होने से पहले तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई और कर्नाटक चुनाव के भाजपा प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात कर चुके हैं। जिसके बाद से इस तरह का अंदेशा था कि भास्कर राव भाजपा खेमे में शामिल हो सकते हैं।
भास्कर राव पिछले साल अप्रैल में भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के बाद आप में शामिल हुए थे। उनके सार्वजनिक जीवन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने उन्हें कर्नाटक विधानसभा चुनाव घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया था।