मुंबई: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अभी तक सारे बहस मुबाहिसे भाजपा, कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) के बीच त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर चल रहे थे लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने संकेत दिया है कि कर्नाटक का सियासी घमासान जल्द ही चतुष्कोणीय रूप ले सकता है। जी हां, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस का सियासी समीकरण बिगड़ सकता है क्योंकि 40 से 45 सीटों पर एनसीपी भी अपने प्रत्याशियों को उतार सकती है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार एनसीपी प्रमुख शरद पवार चाहते हैं कि पार्टी कम से कम 40-45 सीटों पर चुनाव लड़े और पार्टी इसके लिए व्यापक रणनीति पर काम भी कर रही है। इस विषय पर विचार करने के लिए शरद पवार शनिवार को मुंबई स्थित आवास पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक भी बुला रहे हैं।
शरद पवार ने कर्नाटक चुनाव को लेकर होने वाली बैठक की पुष्टि करते हुए कहा, "कर्नाटक चुनाव के लिए कल मेरे मुंबई आवास पर एक बैठक होगी, जिसमें चुनावी योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।"
दरअसल इस कदम को एनसीपी द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा फिर से हासिल करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। जिससे हाल ही में चुनाव आयोग ने यह दर्ज वापस ले लिया था। बताया जा रहा है कि एसीपी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 'अलार्म घड़ी' चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसे चुनाव अधिकारियों द्वारा स्वीकार भी कर लिया है।
कर्नाटक चुनाव के संबंध में एनसीपी नेताओं का कहना है कि पार्टी सूबे के कुल 224 सीटों में से कम से कम 40-45 सीटों पर दावेदारी पेश करेगी और उम्मीदवारों को खड़ा करेगी। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि एनसीपी के प्रत्याशी यहां कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी टक्कर देंगे।
जबकि कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र और देश स्तर पर एक ही खेमे में हैं और लगातार भाजपा को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन कर्नाटक में इसके इतर एनसीपी कांग्रेस के वोटबैंक में सेंधमारी कर सकती है और अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।