मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कर्नाटक चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धार्मिक नारे लगाने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद की मर्यादा यह कहती है कि प्रधानमंत्री को ऐसी बातें शोभा नहीं देती हैं और यह भारत के धर्मनिरपेक्ष अवधारणा के खिलाफ है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, "आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान धार्मिक नारे लगाए। हमारे यहां संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को स्वीकार किया जाता है और जब आप चुनाव में किसी धार्मिक मुद्दे को उठाते हैं तो इससे एक अलग तरह का माहौल बनता है, जो अच्छी बात नहीं है।"
महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता और महाविकास अघाड़ी बनाने वाले पवार ने आगे कहा, "चुनाव लड़ते समय हम देश और संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों और धर्मनिरपेक्षता की शपथ लेते हैं। इसलिए मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी इस दायरे में आते हैं और उन्हें कम से कम ऐसी बात नहीं करनी चाहिए।"
रत्नागिरी जिले के बारसु गांव में स्थानीय लोगों द्वारा एक बड़ी तेल रिफाइनरी परियोजना के विरोध पर पवार ने कहा, “मैं स्वंय वहां जाने का इच्छुक हूं। लेकिन अब यह देखना है कि मुझे कब और कैसे समय मिलता है। मैंने बारसू ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। मैं विशेषज्ञों के साथ एक और बैठक करूंगा। मुझे लगता है कि ग्रामीणों को भरोसे में लेकर इस मुद्दे को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।"
इन सारी बातों के साथ एनसीपी नेता शरद पवार ने मंदिरों के शहर पंढरपुर में पत्रकारों से बात करते हुए साफ किया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस बहुमत के साथ सत्ता में आने जा रही है।