गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस के जीत के दावे को हवा-हवाई बताया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कांग्रेस के कर्नाटक में जीत के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कांग्रेस ने जरूर ईवीएम के बारे में कुछ ज्ञान इकट्ठा कर लिया होगा, तभी वो चुनाव से पहले इस तरह से कल्पना वाले दावे कर रही है।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "इससे पहले यही कांग्रेस थी, जो भाजपा पर ईवीएम को लेकर आरोप लगाती थी लेकिन यदि कर्नाटक के इस विधानसभा चुनाव में वे पहले से परिणाम की भविष्यवाणी कर रहे हैं तो मुझे यह कहने में कोई शक नहीं की कांग्रेस को ईवीएम के बारे में कुछ नया ज्ञान हो गया होगा।"
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "कांग्रेस जिस तरह से कर्नाटक में जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है और उनके नेता बहुमत का दावा कर रहे हैं। उसे देखकर तो यही लगता है कि इससे पहले वो जिस भी चुनाव में हारे थे बिना मतलब के ईवीएम और भाजपा पर आरोप लगा रहे थे। आखिर इस चुनाव में कैसे उन्हें बहुमत का भरोसा हो रहा है। इसका मतलब साफ है कि ये पार्टी हारने के बाद जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेने के बदले दूसरों को दोष देती है।"
दरअसल मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एम बी पाटिल के दिये उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। जिसमें एमबी पाटिल ने दावा किया था कि कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा को बुरी तरह से हराकर कुल 224 सीटों में से 130 सीटों पर जीत के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।
एमबी पाटिल ने कहा था कि 10 मई को मतदान और 13 मई को नतीजे आने के बाद जो विधानसभा का स्वरूप बनेगा, उसमें सत्तधारी भाजपा के 'ऑपरेशन कमल' चलाने का कोई विकल्प नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा था, "भाजपा के लिए सबसे दुखद बात यह है कि वो इस बार 'ऑपरेशन कमला' नहीं चला पाएंगे। कांग्रेस अपने बल पर कम से कम 130 सीटें जीत रही है। इस कारण भाजपा और जेडीएस के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं होगा। इसके साथ ही हमें यह भी याद रखना चाहिए कि 2018 के चुनाव में भाजपा बहुमत से सत्ता में नहीं आई थी। जबकि भाजपा ने लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली नेता बीएस येदियुरप्पा को सीएम उम्मीदवार बनाया था। लेकिन क्या हुआ भाजपा को महज 105 सीटें मिली थीं।"