बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा उनके शासन को भ्रष्ट बताये जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार तय है। इस कारण वो हताशा में ऐसे आरोप लगा रही है। सीएम बोम्मई ने कहा भाजपा फिर से बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है और इसके लिए पार्टी काफी मेहनत कर रही है।
सीएम बोम्मई ने कांग्रेस द्वारा उसके सरकार के खिलाफ जारी किये गये कथित रेटकार्ड वाले विज्ञापन पर कहा कि मेरे 20 महीने का मुख्यमंत्री कार्यकाल बेहद ईमानदारी से गुजरा है। कर्नाटक की जनता सरकार के योजनाओं से लाभान्वित हुई है और आम लोगों के बीच हमारे चलाये कार्यक्रमों का रिस्पॉन्स बेहद शानदार रहा है। जहां भी भाजपा की चुनावी रैली होती है, हर जगह 50 हजार से 60 हजार लोगों का जमावड़ा लग रहा है। इनमें ज्यादातर उन लाभार्थियों की संख्या है, जिन्हें भाजपा के शासन में लाभ पहुंचा है। जनता के बीच हमारे लिए भारी समर्थन दिख रहा है।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जब मैंने सीएम का पद संभाला था, तब कोविडकाल चल रहा था। हमने पीएम मोदी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कोरोनारोधी टीकाकरण किया। हमने बाढ़ प्रभावितों की मदद की। कोविड के कारण चरमरा गई राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया। हमने हर साल 13 लाख नौकरियां दीं। उसके बाद भी जो मुझे चोर बता रहे हैं, दरअसल वो खुद चोर हैं।"
उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने उस दौर को भी देखा है, जब केंद्र में यूपीए की सत्ता थी। उस जमाने में महंगाई दर 8 से 10 फीसदी हुआ करती थी। अब, वैश्विक स्तर पर भिन्नताओं के बावजूद भारत की मुद्रास्फीति 4.2 फीसदी है। प्रधानमंत्री मोदी के उज्ज्वला योजना के तहत देश में अब तक आठ करोड़ लोगों को मुफ्त सिलेंडर मिले हैं। मुझे 1994-95 में अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के शब्द याद हैं। जब उन्होंने कहा था कि अगर गैस सिलेंडर और ईंधन पर सब्सिडी हटा दी जाए तो देश का विकास होगा। यह उनका अर्थशास्त्र है। लेकिन हमने गरीब प्रभावितों की मदद की है और अपने घोषणापत्र में ऐलान किया है कि भाजपा सरकार हर साल तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देगी।
वहीं कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध के वादे पर सीएम बोम्मई ने कहा कि पिछले 10-12 साल से कांग्रेस अल्पसंख्यकों का भरोसा खोती जा रही है। उसकी जगह को एसडीपीआई और पीएफआई जैसे संगठन भर रहे थे। इस चुनाव में एसडीपीआई और कांग्रेस में अंदरूनी समझ है। कांग्रेस एसडीपीआई के शिकंजे में है। पीएफआई पर प्रतिबंध लगने पर एसडीपीआई कांग्रेस की चुप्पी से खफा थी। एसडीपीआई द्वारा कांग्रेस पर बजरंग दल को प्रतिबंधित किये जाने का दबाव लगातार बनाया गया। जिसके कारण कांग्रेस ने घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है। लेकिन अब कांग्रेस को उसका परिणाम समझ आ रहा है इसलिए वो अब हनुमान चालीसा का पाठ कर रही है।