हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का फोकस कर्नाटक की ओर है। यहां बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तरप्रेदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दौरे कर रहे हैं और 'परिवर्तन यात्रा' के जरिए रैलियां कर रहे हैं। पार्टी ने दो नवंबर 2017 से 75 दिन की यात्रा शुरू की थी, जिसमें सीएम आदित्यनाथ दो बार भाग ले चुके हैं और तीसरा मौका है जब वह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू पहुंचे हैं।
योगी आदित्यनाथ पार्टी के विश्वास पर उतरे खरे
बीजेपी की ओर से सीएम योगी गुजरात चुनाव में स्टार प्रचारकों को लिस्ट में शामिल थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष्य अमित शाह के बाद तीसरे नबंर के बड़े चेहरे थे। उन्होंने सूबे के 29 जिलों की 35 सीटों पर प्रचार किया और कहीं न कहीं उनकी रैलियों से पार्टी को फायदा हुआ, जिसमें 20 पर कमल खिला।
यूपी सीएम तीसरी बार कर्नाटक के दौरे पर
पार्टी एक बार फिर सीएम योगी को कार्नाटक की राजनीति पिच पर आजमाना चाहती है, जहां वह तीसरी बार सूबे के दौरे पर हैं और को वह आदिचुनचुनानगरी मठ पहुंचे, जहां निर्मलानंद स्वामी से मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जब भी कर्नाटक आता हूं तो यहां जरूर आना चाहता हूं। यहां मैं सेवा के उद्देश्य से आया हूं और बाद में भारतीय जनता पार्टी के 'परिवर्तन यात्रा' में भाग लूंगा, जहां राजनीतिक मुद्दों के बारे में बात करूंगा।
कर्नाटक सरकार पर लगातार मुखर हो रहे हैं योगी
इससे पहले सीएम योगी ने हुबली में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सरकार पर करारा प्रहार किया था। उन्होंने कहा कि था जिस तरह हिंदुओं और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है वह 'अराजकता की दशा' को दर्शाता है। वहीं, कांग्रेस पर 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के प्रति सम्मान प्रदर्शित कर भारत की समृद्ध परंपरा को अपमानित करने का आरोप लगाया था।
कर्नाटक पिछले चुनाव में बीजेपी को मिली थी करारी हार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी लगातार वोटरों पर पकड़ बनाने में जुटी हुई है। वह यहां पिछले विधानसभा चुनाव से सबक सीखकर एक नई रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में उसने जनता का विश्वास हासिल करने में सफलता हासिल कर ली थी। कर्नाटक केवल दक्षिण भारत एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ है।
ऐसे हुई चुनावों में दोनों पार्टियों की टक्कर
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। इनमें से कांग्रेस के पास 122 पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं 40 बीजेपी और 40 जनता दल (सेकुलर) के पास हैं। इसके अलावा 22 सीटों पर अन्य ने कब्जा जमाया हुआ है। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 28 लोकसभा सीटों में से 17 पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस 9 सीटों पर सिमट गई थी।