आखिर क्यों योगी आदित्यनाथ को कर्नाटक में फ्रंटफुट पर खेलने के लिए भेज रही बीजेपी, करेंगे 13 जिलों में 35 सभाएँ?
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 4, 2018 07:31 AM2018-05-04T07:31:06+5:302018-05-04T07:54:13+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर्नाटक के 13 जिलों में फैले नाथ संप्रदाय के मठों के महंत हैं। इनमें कादली योगेश्वर मठ भी शामिल है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के ऐन पहले कांग्रेस ने लिंगायतों के लिए अलग धर्म के प्रस्ताव को मंजूरी देकर सबसे बड़ा दांव लगाया था। इसका प्रभाव प्रचार के दौरान साफ देखा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह का मठ-मठ घूमना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां भी इसकी भरपाई करती नजर नहीं आ रहीं। ऐसे में कांग्रेस के इस दांव के काट के तौर पर एक बार फिर से गुजरात, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा की तर्ज पर बीजेपी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कर्नाटक ले आई है। योगी यहां 13 जिलों की 100 से ज्यादा सीटों के लिए 35 जनसभाओं का आगाज बृहस्पतिवार (तीन मई) की रैली से कर चुके हैं।
उन्होंने अपने शुरुआती दो दिनों की यात्रा में तीन मई को सिरसी, सागरा, बलेहोंनुर, शृंगेरी व चिकमंगलूर में जनसभाओं को संबोधित किया। चार मई (शुक्रवार) को वे बैंदुर, भटकल, कापू, बंटवाल, सूरतकल में जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
कर्नाटक के नाथ संप्रदाय में योगी आदित्यनाथ की जबर्दस्त पकड़
कांग्रेस के अचूक लिंगायत दांव का कर्नाटक में कुछ दांव बचा है तो वो है नाथ संप्रदाय। कर्नाटक में नाथ संप्रदाय के 72 से ज्यादा मठ और मंदिर हैं। और खास बात है कि नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ गोरक्ष पीठ है, जिसके महंत योगी आदित्यनाथ हैं। जबकि नाथ संप्रदाय के मंदिर-मठों की सबसे बड़ी संस्था, 'अखिल भारत वर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा' के अध्यक्ष भी योगी आदित्यनाथ हैं।
नाथ संप्रदाय का कर्नाटक की ट्विन सिटी मंगलुरू और उडुपी के आसपास कई मठ हैं। इसके अलावा करीब 13 जिलों में यह संप्रदाय गहरा प्रभाव रखता है।
ऐसे में लिंगायत के बराबर भले नहीं, पर अगर लिंगायत का कोई काट है तो वह यही समाज है। और इससे योगी आदित्यनाथ सीधा संबंध रखते हैं। मंगलुरु का कादली मठ नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा केंद्र है, योगी आदित्यनाथ वहां भी जाएंगे। (जरूर पढ़ेंः 'जब मंच से मोदी जी भाषण दे रहे थे तो लोग उन पर हंस रहे थे' )
कादली योगेश्वर मठ का प्रभाव यूपी के गोरखनाथ मठ से ज्यादा
कर्नाटक में कादली योगेश्वर मठ की मान्यता वैसी ही है जैसी यूपी में गोरखनाथ मठ की है। यहां मान्यता है कि गोरखनाथ के गुरु मत्स्येंद्रनाथ विष्णु और मंगला देवी लक्ष्मी की अवतार हैं। मंगला देवी के नाम पर ही उस जगह का नाम मंगलौर पड़ा। इस मठ के अनुयायी आस-पड़ोस के करीब 13 जिलों की 100 सीटों को प्रभावित करते हैं। इस संप्रदाय में योगी आदित्यनाथ की सीधी पकड़ है।
गोरखपुर-फूलपुर हारने से बिगड़ी थी छवि
योगी आदित्यनाथ कर्नाटक में बीजेपी चुनाव प्रचार के पहले शख्स के तौर पर उतरे थे। कर्नाटक आते ही सबसे पहले उनकी भिड़ंत ट्विटर पर सीएम सिद्धरमैया से हुई थी। ऐसे में योगी को बीजेपी प्रमुख चेहरे के तौर पर देखा जाने लगा था। लेकिन यूपी के लोकसभा उपचुनावों में गोरखपुर और फूलपुर सीटें गवांने के बाद योगी अलग-थलग पड़ गए थे। लेकिन अब बीजेपी ने उन्हें दोबारा मैदान में खींचा है। (जरूर पढ़ेंः विधानसभा में पोर्न देखते पकड़े गए नेताओं को टिकट देने पर BJP की थू-थू)
पहले दिन योगी आदित्यनाथ ने लगाया मास्टर स्ट्रोक, कहा- कांग्रेस की ‘‘जिहादी मानसिकता’’
योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक की कमान दोबारा हाथ में आते ही मैदान में कूद पड़े हैं। उन्होंने अपनी दूसरी पारी के पहले दिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार करते हुए लोगों से कांग्रेस की ‘‘विभाजनकारी ’’ राजनीति एवं ‘‘जिहादी मानसिकता ’’ को खारिज करने को कहा।
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उन्होंने यहां एक रैली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर समाज को बांटने वाली ‘‘सबसे भ्रष्ट पारी ’’ खेलने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ ने कहा , ‘‘मैं आपसे यहां यह आह्वान करने आया हूं कि कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति , जेहादी मानसिकता , आतंकवाद एवं भ्रष्टाचार में मदद देने की नीतियों को पूरी तरह खारिज कर दें। ’’
उन्होंने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में पिछले पांच सालों में हुई 23 भाजपा कार्यकर्ताओं की ‘‘जेहादी ’’ हत्याएं कांग्रेस पार्टी की कथित विभाजनकारी राजनीति का ‘‘ सबूत’’ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘इस समय कर्नाटक की कांग्रेस सरकार एवं सबसे भ्रष्ट पारी खेल रहे उसके मुख्यमंत्री समाज को बांटने की सबसे बुरी कोशिश कर रहे हैं। ’’ (जरूर पढ़ेंः PM मोदी ने कसा 2+1 का तंज, CM सिद्धारमैया ने पूछा- आप लोक सभा में 2 सीट से क्यों लड़े थे, डर रहे थे?)
उन्होंने कहा कि वह राज्य में कांग्रेस की ‘‘विभाजनकारी ’’ नीतियों पर लगाम लगाने के लिए आए हैं। आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में तुलना करते हुए कहा कि उनके राज्य में कोई जेहादी तत्व अपना सिर नहीं उठा सकता।
उन्होंने कहा , ‘‘यह सरकार किसानों, व्यवसायियों, नागरिकों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के पक्ष में खड़ी होती और उनके साथ न्याय करती नहीं दिखती। यह सरकार अराजकता को बढ़ावा दे रही है। ’’
आदित्यनाथ ने सिद्धरमैया पर किसानों की आत्महत्याओं को लेकर भी हमला किया और कहा कि उनकी सरकार के ‘‘उदासीन ’’ रवैये के कारण किसानों के हितों की अनदेखी की गयी।
उन्होंने कहा , ‘‘इस समय सिद्धरमैया सरकार कर्नाटक को अपने एटीएम की तरह इस्तेमाल कर रही है। इसलिए मैं आपसे यह कहने यहां आया हूं कि कांग्रेस मुक्त कर्नाटक वक्त की जरूरत है। ’’ (जरूर पढ़ेंः कुमारस्वामी बोले- मैं किंगमेकर नहीं कर्नाटक किंग बनूंगा)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जब जंगलों में घूम रहे थे तब कर्नाटक में ही उन्हें अपना सबसे वफादार भक्त हनुमान मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘वह हनुमान थे जिन्होंने रामराज्य की स्थापना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। ’’
आदित्यनाथ ने कहा , ‘‘हमारी परंपरा ऐसी रही है कि हम समाज को बांटने में विश्वास नहीं करते। यह उत्तर को दक्षिण से , पूर्व को पश्चिम से जोड़ती है। हम भारत को हमेशा एक एकजुट देश के रूप में देखते हैं क्योंकि हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत ’ में विश्वास करते हैं। ’’