कर्नाटक विधानसभा उपचुनावः कांग्रेस को झटका, हार के बाद सिद्धारमैया ने विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 9, 2019 03:51 PM2019-12-09T15:51:06+5:302019-12-09T17:10:55+5:30
कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में हार के बाद सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दिया। मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी जी को सौंप दिया है।
कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को झटका लगा है। पूर्व के चुनाव में इन 15 सीटों में से 12 सीटें जीतने वाली कांग्रेस केवल दो निर्वाचन क्षेत्रों हुनसुर और शिवाजीनगर ही जीत सकी।
इस बीच कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में हार के बाद सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दिया। मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी जी को सौंप दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जद(एस) उन सभी 12 सीटों पर चुनाव हार गई, जहां उसने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। पूर्व में हुए चुनाव में उसके पास तीन सीटें थीं। कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद सिद्धरमैया ने पार्टी के विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दिया।
Siddaramaiah, Congress: As a leader of legislative party, I need to respect democracy. I have resigned as Congress Legislative Party leader. I have submitted my resignation to Sonia Gandhi Ji. #KarnatakaBypollspic.twitter.com/ZkeVu7lBHG
— ANI (@ANI) December 9, 2019
महाराष्ट्र में सरकार न बना पाने के बाद कर्नाटक में भाजपा का 12 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन उसके लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। झारखंड में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के प्रदर्शन की तारीफ की और कांग्रेस पर पिछले दरवाजे से जनादेश को चुराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाल में संपन्न हुए उपचुनावों में कांग्रेस को सबक सिखाया गया है।
इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने बाकी के साढ़े तीन साल के कार्यकाल के लिए स्थिर और विकासोन्मुख सरकार देंगे। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मतदाताओं ने अपना फैसला दे दिया और नतीजे आ चुके हैं। अब हमें राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। मैं अपने मंत्रियों और विधायकों की मदद से अगले तीन साल के लिए सुशासन दूंगा।’’
ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिये हो रहे हैं। इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (अध्यक्ष सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत थी।
विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद विधानसभा में इस समय 208 सदस्य हैं जिनमें भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। बसपा का भी एक विधायक है। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं।