भाजपा मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी को लेकर कांग्रेस के हंगामे के बाद कर्नाटक विधानसभा स्थगित

By भाषा | Updated: December 17, 2021 17:07 IST2021-12-17T17:07:21+5:302021-12-17T17:07:21+5:30

Karnataka Assembly adjourned after Congress uproar over FIR against BJP minister | भाजपा मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी को लेकर कांग्रेस के हंगामे के बाद कर्नाटक विधानसभा स्थगित

भाजपा मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी को लेकर कांग्रेस के हंगामे के बाद कर्नाटक विधानसभा स्थगित

बेलगावी, 17 दिसंबर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में करीब 400 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन हड़पने के मामले में भाजपा के मंत्री की कथित भूमिका के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के बाद प्रदेश विधानसभा की बैठक को दिन भर के लिये स्थगित कर दिया गया ।

विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने विधानसभा नियमावली के नियम 60 के तहत चर्चा की मांग की। इस नियम के तहत लोक मंहत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कामकाज स्थगित करने का प्रावधान है।

सिद्धरमैया शहरी विकास मंत्री बी ए बसवराज की कथित भूमिका पर चर्चा चाहते थे । उनके खिलाफ मजिस्ट्रेट की अदालत के निर्देश पर इस साल 25 नवंबर को मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी ।

यह मामला बेंगलुरु पूर्व तालुक के कलकेरे गांव में 2003 में 35 एकड़ भूमि खरीद से संबंधित है , जिसमें यह आरोप लगा है कि मंत्री बसवराज और सत्तारूढ़ दल के एक अन्य विधान पार्षद ने फर्जी दस्तखत कर जाली दस्तावेज बनाये थे ।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर हुयी क्षति के संबंध में विधानसभा में पूछे गये सवालों का जवाब देना चहते थे । हालांकि, सिद्धरमैया चाहते थे कि बसवराज की कथित भूमिका पर चर्चा की जाये ।

विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने विपक्ष के नेता की मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह नियम के खिलाफ है क्योंकि अदालत के विचाराधीन मामले पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती । ।

सिद्धरमैया ने दलील दी कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक को आत्महत्या के लिये कथित तौर पर उकसाने के मामले में एक मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी । सिद्धरमैया ने सदन को बताया कि भारतीय जनता पार्टी उस वक्त विपक्ष में थी और नियम 60 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा हुयी थी।

कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा कि सरकार इस तरह मामले में आगे नहीं जा सकती है। जवाब को खारिज करते हुए, सिद्धरमैया ने कहा कि अगर सरकार मामले की गंभीरता को समझने से इनकार करती है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

मधुस्वामी की दलील का समर्थन करते हुये मुख्यमंत्री बोम्मई ने भी विपक्ष से कहा कि मामला अदालत में है और एक निजी शिकायत पर आधारित प्राथमिकी किसी को भी दोषी नहीं बना सकती है।

इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक और सदन में हंगामे देखते हुये विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक को सोमवार तक के लिये स्थगित कर दिया।

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