रुपए के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने पर बोले कपिल सिब्बल- रुपया और राजनीति के और आगे खिसकने का जोखिम नहीं उठा सकता देश
By मनाली रस्तोगी | Published: September 24, 2022 11:48 AM2022-09-24T11:48:13+5:302022-09-24T11:50:13+5:30
कांग्रेस के पूर्व नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि रुपया और प्रतिष्ठान की राजनीति दोनों ने सभी मानदंडों का उल्लंघन किया है। देश रुपया और राजनीति दोनों के और आगे खिसकने का जोखिम नहीं उठा सकता।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को केंद्र पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि देश रुपया और राजनीति दोनों के और आगे खिसकने का जोखिम नहीं उठा सकता। दरअसल, विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में लगातार मजबूती और निवेशकों के बीच जोखिम से दूर रहने की प्रवृत्ति हावी रहने से शुक्रवार को रुपया 30 पैसे की गिरावट के साथ 81.09 रुपये प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।
ऐसे में रुपया के सबसे निचले स्तर पर बंद होने को लेकर सिब्बल ने केंद्र सरकार पर परोक्ष हमला किया। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "रुपया 81 के पार। रुपया और प्रतिष्ठान की राजनीति दोनों ने सभी मानदंडों का उल्लंघन किया है। देश रुपया और राजनीति दोनों के और आगे खिसकने का जोखिम नहीं उठा सकता। हम लोगों को एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एकजुट होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारा देश नियति के साथ अपने प्रयास को पूरा करे।"
Rupee breaches 81
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 24, 2022
Both the Rupee & the politics of the establishment has breached all norms
The nation cannot afford both the Rupee & politics to slide any further
We the people must unite to usher in a new era to ensure that our country fulfil its tryst with destiny
इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को केंद्र पर आरोप लगाया था कि लोग जांच एजेंसियों, सत्ता और पुलिस के डर के साये में जी रहे हैं। धर्म का एक हथियार के रूप में इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए सिब्बल ने कहा कि भले ही यह पूरी दुनिया में हो रहा हो कि भारत धर्म के इस्तेमाल का एक ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया में हो रहा है। कल लेस्टर में जो घटना हुई वह पूरी तरह से असहिष्णुता थी।
कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि हम सभी जानते हैं कि वहां क्या हुआ था। अब वहां भी ये चीजें पहुंच गई हैं। असली समस्या यह है कि आज भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण देने में जो शामिल हैं, वे एक खास विचारधारा का हिस्सा हैं। पुलिस कुछ भी करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर मुकदमा नहीं चलाया जाता है और इसलिए वे उसी तरह का एक और भाषण देने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।