तदर्थ शिक्षक के प्रचलन पर बोले कपिल सिब्बल- शिक्षा के पेशे का अवमूल्यन मत करिए
By मनाली रस्तोगी | Published: April 28, 2023 12:02 PM2023-04-28T12:02:57+5:302023-04-28T15:21:38+5:30
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को तदर्थ (एड-हॉक) शिक्षकों का प्रचलन खत्म करने का आह्वान किया और कहा कि शिक्षा के पेशे का अवमूल्यन नहीं किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को तदर्थ (एड-हॉक) शिक्षकों का प्रचलन खत्म करने का आह्वान किया और कहा कि शिक्षा के पेशे का अवमूल्यन नहीं किया जाना चाहिए। उनका यह बयान दिल्ली विश्वविद्यालय के 33 वर्षीय तदर्थ शिक्षक की कथित आत्महत्या के बाद आया है जिन्हें हाल में हिंदू कॉलेज में नौकरी से हटा दिया गया था।
सिब्बल ने ट्वीट किया, "पूर्व तदर्थ शिक्षक ने आत्महत्या की। नयी शिक्षा नीति? क्या यह दूरदर्शिता है?" पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, "तदर्थ शिक्षक- पूरे भारत में यह प्रचलन है, इस पर रोक लगाइए। शिक्षा के पेशे का अवमूल्यन मत करिए। शिक्षा का अवमूल्यन मत करिए।" पुलिस ने गुरुवार को बताया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय के एक तदर्थ शिक्षक बाहरी दिल्ली के रानी बाग इलाके में अपने घर पर मृत पाए गए।
Suicide by :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 28, 2023
Former ad hoc teacher
New Education Policy ?
Is this the vision ?
Ad hoc teachers
An all India phenomenon
Put an end to this
Don’t devalue teaching profession
Don’t devalue education
उन्हें कुछ सप्ताह पहले ही हिंदू कॉलेज से नौकरी से हटाया गया था। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बारां जिले के मोलकी गांव के रहने वाले 33 साल के समरवीर अपने कमरे में पंखे से फंदे पर लटके हुए मिले। शिक्षक के साथ उनका एक रिश्तेदार रहता था जो घटना के वक्त काम पर गया था। पुलिस ने कहा कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन शिक्षक के रिश्तेदार के अनुसार वह अवसाद में थे। समरवीर अविवाहित थे।
शिक्षक के रिश्तेदार ने पुलिस को बताया कि समरवीर हिंदू कॉलेज में तदर्थ व्याख्याता के रूप में कार्यरत थे, लेकिन फरवरी में उनकी जगह किसी और को नौकरी पर रख लिया गया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने हिंदू कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और समरवीर के लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और तख्तियां लहराईं। एक 'प्लेकार्ड' पर लिखा था, "हम नौकरी में सुरक्षा की मांग कर रहे तदर्थ शिक्षकों के संघर्ष में उनके साथ खड़े हैं। प्रोफेसर समरवीर को न्याय मिले।"
(भाषा इनपुट के साथ)