बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों को लेकर पीएम मोदी की चुप्पी पर सिब्बल ने किए सवाल, जानें क्या कहा
By मनाली रस्तोगी | Published: May 6, 2023 05:32 PM2023-05-06T17:32:51+5:302023-05-06T17:34:08+5:30
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'चुप्पी' पर शनिवार को सवाल उठाए।
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'चुप्पी' पर शनिवार को सवाल उठाए। सिब्बल ने पूछा कि क्या आरोपी उत्तर प्रदेश में चुनावों के लिहाज से इतना महत्वपूर्ण है कि जांच पूरी होने तक उसे पद से नहीं हटाया जा सकता है।
सिब्बल ने दिल्ली पुलिस द्वारा बृजभूषण के खिलाफ दर्ज मामलों में सात महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए जाने के एक दिन बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा। दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल उच्चतम न्यायालय में पहलवानों की तरफ से पेश हुये हैं।
Brij Bhushan
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 6, 2023
2 Wrestlers to police :
Allegation:
On pretext of checking breath, touched……
My question :
Is he so important for UP elections that can’t be removed as President of Federation till investigation is over
What about your slogan : beti bachao….
Why PM, HM silent ?
उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, "बृजभूषण; दो पहलवान पुलिस के पास : आरोप : श्वास परीक्षण के बहाने छुआ...मेरा सवाल : क्या वे (बृजभूषण) उत्तर प्रदेश में चुनावों के लिए इतने अहम हैं कि इन्हें जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा सकता।" पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा, "आपके 'बेटी बचाओ' नारे का क्या हुआ? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुप क्यों हैं?"
साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। विरोध करने वाले पहलवानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे तब तक नहीं हटेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और सिंह को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से हटाकर सलाखों के पीछे नहीं डाल दिया जाता।