मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार शाम को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) लागू नहीं करेगी। कमलनाथ ने एक विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया, ‘‘मध्यप्रदेश में वह वर्तमान में एनपीआर लागू नहीं करने जा रहे।’’ उन्होंने कहा कि एनपीआर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है, वह 9 दिसम्बर 2019 की है। इस अधिसूचना के बाद केंद्र की सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) बनाया, अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है, वह सीएए, 2019 के तहत नहीं किया गया है।
कमलनाथ ने कहा कि अधिसूचना नागरिकता कानून -1955 की नियमावली-2003 के नियम 3 के तहत जारी की गई।
24 से 30 फरवरी के बीच किसी भी एक दिन भोपाल में आंदोलन करूंगा- कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सोमवार को धमकी दी है कि यदि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) लागू करने का अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वह समूचे प्रदेश में अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। मसूद ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया एनपीआर अब मध्यप्रदेश के गजट में भी आ गया है। यह गलत काम हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस एनपीआर का विरोध कर चुके हैं। इसलिए मध्यप्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार द्वारा इसे प्रदेश में लागू करना गलत है। मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय का हम विरोध करते हैं।
मसूद ने कहा, ‘‘एनपीआर को मध्यप्रदेश में ना लागू किया जाए इसपर मैं अन्य लोगों के साथ मिलकर कमलनाथ से बातचीत करूंगा। यदि उनका (कमलनाथ) निर्णय संतोषजनक नहीं रहा तो मैं 24 से 30 फरवरी के बीच किसी भी एक दिन भोपाल में आंदोलन करूंगा। इसके बाद हम समूचे प्रदेश में इस मांग को लेकर आंदोलन करेंगे।’’