मध्य प्रदेशः काले बादलों में फंसा कमलनाथ का हेलीकॉप्टर, पायलट ने कहा- आगे नहीं उड़ सकते
By जनार्दन पाण्डेय | Updated: September 1, 2018 12:51 IST2018-09-01T12:45:15+5:302018-09-01T12:51:28+5:30
मध्य प्रदेश के कांग्रेस के कोआर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने इस घटना की पुष्टि की है।

कमलनाथ की फाइल फोटो
जबलपुर, 1 अगस्तः मध्य प्रदेश में दिग्गज कांग्रेस नेता व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ शुक्रवार को एक बड़े हादसे से बच गए। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर से उमरिया जाते वक्त कमलनाथ का हेलीकॉप्टर बुरी तरह से बादलों में फंस गया। मौसम खराब होने के चलते पायलट ने हेलीकॉप्टर को आगे जाने से मनाही कर दी। लेकिन काले बादलों में और ज्यादा हालात खराब हो गए और पायलट की विजिबिलिटी एकदम कम हो गई। इसके बाद तत्काल फैसला लेते हुए पायलट ने हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करा दी। लैंडिंग के बाद सभी लोग बाल-बाल बच गए। हालांकि इस घटना के बाद दो बेहद जरूरी आम सभाओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नहीं पहुंच पाए। असल में वह मध्य प्रदेश के देवसर ओर उमरिया की सभाओं के लिए निकले थे।
इस घटना के बारे में पुष्टि कांग्रेस के कोआर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने की थी। उन्होंने बताया ऐसी घटना घटी थी। लेकिन इसमें कमलनाथ पूरी तरह से सुरक्षित बचा लिए गए हैं। उनके अनुसार कमलनाथ ने भोपाल से उड़ान भरी थी। लेकिन बीच में मौसम इतना खराब हो गया कि हेलीकॉप्टर को आगे ले जाना मुश्किल हो गया। इसलिए उनका सभा में जाना भी नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि कुछ देर बार मौसम विभाग से मौसम की जानकारी ली गई। ताकि कुछ देर में भी अगर वह सभा में पहुंच सकें तो इसको पार्टी को फायदा होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
हालांकि अगर कमलनाथ यहां आते तो बेहद रोमांचक बात देखने को मिलती। क्योंकि दिग्विजय सिंह पहले ही यहां मध्य प्रदेश के कांग्रेस दिग्गज अजय सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी आदि के साथ पहुंच गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि दिग्गविजय सिंह को कमलनाथ सिंह के सामने कमतर आंका जा रहा है। सारी जिम्मेदारियां कमलनाथ को दी जा रही हैं। जबकि दिग्गविजय सिंह को लगातार चुनावी गतिविधियों से दूर रखा जा रहा है। लेकिन उमरिया की रैली में दिग्गविजय और कमलनाथ का आमना-सामना मंच पर होने वाला था।
उल्लेखनीय है कि इस वक्त मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी साल होने की संभावना वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमलनाथ की नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर और ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया था। जबकि एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को ऐसी कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ऐसा माना जा रहा है इस साल के आखिर तक मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। यहां बीते तीन विधानसभाओं से शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है।