कमलनाथ, दिग्विजय ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को किसानों के कड़े संघर्ष की जीत बताया

By भाषा | Published: November 19, 2021 08:20 PM2021-11-19T20:20:00+5:302021-11-19T20:20:00+5:30

Kamal Nath, Digvijay termed the decision to withdraw three agricultural laws as victory of the hard struggle of the farmers | कमलनाथ, दिग्विजय ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को किसानों के कड़े संघर्ष की जीत बताया

कमलनाथ, दिग्विजय ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को किसानों के कड़े संघर्ष की जीत बताया

भोपाल, 19 नवंबर कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह किसानों के कड़े संघर्ष की जीत है।

कमलनाथ ने यहां बयान जारी कर कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में संसद में पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से देशभर के लाखों किसान भाई सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की गुहार लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि बारिश, ठंड एवं भरी गर्मी में भी वे इस कानूनों के विरोध में सड़कों पर डटे रहे।

उन्होंने दावा किया, ‘‘इस आंदोलन के दौरान 600 से अधिक किसानों की मौत हो गई। किसानों को इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी। कई-कई रातें सड़कों पर गुजारनी पड़ी। कभी उन्हें आतंकवादी ,कभी देशद्रोही, कभी दलाल, कभी अन्य नामों से संबोधन किया गया लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए।’’

कमलनाथ ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने भी किसानों के इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। खुलकर उनके समर्थन में लड़ाई लड़ी और आखिर एक वर्ष बाद ऐतिहासिक दिन गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के दिन मोदी सरकार ने इन काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। उसका हम स्वागत करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि यदि यह निर्णय पहले ही ले लिया जाता, सरकार अपना अहंकारी और अड़ियल रवैया पूर्व में ही छोड़ देती तो कई किसानों की जान बचाई जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि अब मोदी सरकार को इन क़ानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान देशभर में किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेना चाहिये।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी को धन्यवाद। देर आए दुरुस्त आए। जीत गया भाई जीत गया किसान आंदोलन जीत गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी तीन माँगें हैं, 1- किसान विरोधी क़ानून को निरस्त करने के लिए तत्काल क़ानून लाएं, 2- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसान उपज को आवश्यक रूप से खरीदने के लिए क़ानून लाएँ और 3- किसान आंदोलन में शहीद होने वालों को मुआवजा दिया जाए।

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