रायपुर: महात्मा गांधी के बारे में अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत सराग को छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया गया।
रायपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कालीचरण महाराज को खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास किराए के एक मकान में रह रहे थे। रायपुर पुलिस ने गुरुवार तड़के 4 बजे उन्हें गिरफ्तार किया। देर शाम तक पुलिस की टीम उन्हें लेकर रायपुर पहुंच जाएगी।
कालीचरण ने हाल में रायपुर में आयोजित 'धर्म संसद' में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अपशब्द का इस्तेमाल किया था और उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की तारीफ की थी।
कालीचरण की टिप्पणी के बाद रायपुर जिले की पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया था।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कालीचरण के बयान को लेकर कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि अगर कोई 'पाखंडी' सोचता है कि वह राष्ट्रपिता को गाली देकर और समाज में जहर फैलाकर अपने इरादे में सफल हो सकता है, तो यह उसका भ्रम है।
महाराष्ट्र में भी कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला
दो दिन पहले महाराष्ट्र में भी पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला अकोला में दर्ज किया गया है। कालीचरण महाराज दरअसल अकोला के शिवाजीनगर निवासी हैं।
लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को उनके खिलाफ सिटी कोतवाली थाने के बाहर धरना भी दिया था। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता जितेंद्र अहवाड ने भी कालीचरण महाराज के खिलाफ ठाणे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है कालीचरण महाराज से जुड़ा पूरा मामला
कालीचरण महाराज ने रविवार शाम रायपुर में दो दिवसीय 'धर्म संसद' (धार्मिक संसद) में बोलते हुए महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक और अपशब्द का इस्तेमाल किया था। साथ ही उन्होंने नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी।
कालीचरण ने लोगों से धर्म की रक्षा के लिए सरकार के मुखिया के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता को चुनने के लिए भी कहा था। कालीचरण के भाषणा का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद विवाद मच गया था।
वहीं, विवाद के बाद कालीचरण ने एक और वीडियो जारी किया और कहा कि उन्हें अपने बयान को लेकर कोई पश्चाताप नहीं है। कालीचरण ने कहा था, ‘गांधी के बारे में अपशब्द बोलने के लिए मेरे खिलाफ प्राथमिकी हुई है। मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हैं...यदि सच बोलने की सजा मृत्यु है तो वह स्वीकार है।'