स्कूलों में बच्चे अब गिल्ली डंडा, कबड्डी और कंचे जैसे खेलों से परिचित होंगे, जानिए क्या है केंद्र की नई योजना

By शिवेंद्र राय | Published: July 31, 2022 10:56 AM2022-07-31T10:56:33+5:302022-07-31T10:58:04+5:30

स्कूलों में छात्र अब गिल्ली डंडा, राजा मंत्री चोर सिपाही, पोशम पा, कबड्डी और कंचे जैसे भारतीय खेलों से परिचित होंगे। केंद्र ने घोषणा की है कि स्कूलों में शिक्षा मंत्रालय की भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पहल के तहत छात्रों को देश के अलग-अलग हिस्से में खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों से परिचित कराया जाएगा।

kabbadi and “kanche among 75 games set to be introduced in schools | स्कूलों में बच्चे अब गिल्ली डंडा, कबड्डी और कंचे जैसे खेलों से परिचित होंगे, जानिए क्या है केंद्र की नई योजना

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsस्कूलों में छात्रों को पारंपरिक भारतीय खेलों से परिचित कराया जाएगागिल्ली डंडा, पोशम पा, कबड्डी और कंचे जैसे खेलों की जानकारी दी जाएगीशहरीकरण के कारण लुप्त होते जा रहे खेलों के बारे में जानेंगे छात्र

नई दिल्ली: राजा मंत्री चोर सिपाही, पोशम पा, गिल्ली डंडा, यूबी लक्पी, कबड्डी और कंचे के विभिन्न रूप और ऐसे ही  75 प्रकार के भारतीय खेलों से अब देश भर के स्कूली बच्चों को परिचित कराया जाएगा। केंद्र ने घोषणा की है कि स्कूलों में शिक्षा मंत्रालय की भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पहल के तहत छात्रों को देश के अलग-अलग हिस्से में खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों से परिचित कराया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन की दूसरी वर्षगांठ पर इस पहल की शुरुआत की।

विशेषज्ञों की मदद से संकलित इन भारतीय खेलों की सूची में लंगड़ी (हॉप्सकॉच), भाला फेंक, पतंग उडयन (पतंग उड़ाना), सीता उद्धार (कैदी को छुड़ाने पर आधारित), मर्दानी (मार्शल आर्ट का रूप) और विष अमृत जैसे खेल शामिल हैं। ओडिशा की संताल जनजाति द्वारा खेले जाने वाले गिल्ली डंडा का एक संस्करण संताल कट्टी भी सूची का हिस्सा है। बता दें कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संताल जनजाति से ही आती हैं। 'यूबी लक्पी' मणिपुर में खेला जाने वाला एक खेल है जो नारियल का उपयोग करके खेला जाता है। इसकी समानता रग्बी से की जा सकती है। 

भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस)के राष्ट्रीय समन्वयक गंटी एस मूर्ति ने कहा कि 75 स्वदेशी खेल देश के विभिन्न हिस्सों से हैं। गंटी एस मूर्ति ने कहा कि इस योजना का मूल विचार स्कूलों में केवल भारतीय खेलों को बढ़ावा देने का नहीं है। वास्तविक विचार स्कूल स्तर पर खेलों को अधिक समावेशी बनाना है। इसलिए स्कूलों में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के माध्यम से स्थानीय खेलों को शुरू करने का विचार है।  बता दें कि स्वदेशी ज्ञान से संबंधित अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए साल 2020 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में एक नवाचार प्रकोष्ठ के रूप में मंत्रालय द्वारा भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) डिवीजन की स्थापना की गई थी।

भारतीय खेलों पर आईकेएस की विशेषज्ञ संगीता गोस्वामी ने बताया कि इनमें से कई खेलों की जड़ें प्राचीन ग्रंथों में हैं। उदाहरण के लिए 'गिल्ली डंडा' 5,000 साल से अधिक पुराना है। महाभारत के एक श्लोक में भी इसका उल्लेख है जो कहता है कि कृष्ण, अर्जुन और भीम गिल्ली डंडा खेल रहे हैं। संगीता गोस्वामी ने बताया कि कई क्षेत्रीय खेलों में लगभग समान नियम होते हैं लेकिन उनके अलग-अलग नाम होते हैं।  संगीता गोस्वामी ‘द गेम्स इंडिया प्लेज: इंडियन स्पोर्ट्स सिंपलिफाइड’ की लेखिका हैं जिसमें उन देशज और पारंपरिक खेलों का जिक्र है जो शहरीकरण के कारण लुप्त होते जा रहे है।
 

Web Title: kabbadi and “kanche among 75 games set to be introduced in schools

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