आज बीजेपी में शामिल नहीं होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, BJP की CEC की बैठक खत्म

By स्वाति सिंह | Updated: March 10, 2020 19:22 IST2020-03-10T19:22:44+5:302020-03-10T19:22:44+5:30

सिंधिया ने मंगलवार (10 मार्च) को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा। सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं।

Jyotiraditya Scindia will not join BJP today, BJP's CEC meeting ends | आज बीजेपी में शामिल नहीं होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, BJP की CEC की बैठक खत्म

मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं।

Highlightsज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बिसाहू लाल सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा देने बाद तुरंत ही बीजेपी में शामिल हो गए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद उके खेमे के पांच मंत्री सहित अब तक 22 कांग्रेस विधायक अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। इसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि आज ही वह बीजेपी में शामिल होंगे। जबकि बिसाहू लाल सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा देने बाद तुरंत ही बीजेपी में शामिल हो गए।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता पीसी शर्मा ने संख्याबल को लेकर कहा, 'निश्चित रूप से एक नई बात सामने आएगी। शाम तक आपको कमलनाथ का मास्टरस्ट्रोक देखने को मिलेगा।' हालांकि उन्होंने यह बात किस आधार पर खी है यह साफ नहीं किया। कि आखिर इतने इस्तीफों के बाद किस मास्टरस्ट्रोक की संभावना बची रह जाती है। वहीं, बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह ने कहा था, 'मैं बेंगलुरु से 19 विधायकों का इस्तीफा लेकर आया हूं, शाम तक यह संख्या 30 तक पहुंच सकती है, कई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं।'
24 साल पहले पिता माधवराव सिंधिया ने छोड़ दी थी कांग्रेस

1980 में कांग्रेस में शामिल होने वाले माधवराव सिंधिया का कद कांग्रेस पार्टी में बहुत बड़ा था। उनके पूर्व सहयोगी और विदेश मंत्री रह चुके नटवर सिंह ने भी आज कहा कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से कोई ताज्जुब नहीं हुआ है। उनके पिता माधवराव सिंधिया अगर जीवित रहते तो जरूर प्रधानमंत्री बनते। 1996 में कांग्रेस पार्टी से संबंध खराब होने के बाद माधवराव सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी थी। उसी साल उन्होंने मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस (MPVC) का गठन किया था। 1996 लोकसभा चुनाव उन्होंने इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और ग्वालियर से जीत हासिल की। हालांकि कुछ दिनों बाद ही वह कांग्रेस में वापस आ गए थे। 1998 और 1999 लोकसभा चुनाव में माधवराव सिंधिया गुना लोकसभा सीट से सांसद बने।

इंडिया टुडे में 1996 में हरिंदर बवेजा की छपी एक रिपोर्ट के अनुसार उस समय कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता की जगह चुनाव लड़ने का ऑफर किया था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

तीन बार कांग्रेस छोड़ चुका है सिंधिया परिवार

सिंधिया राजघराने का सियासी सफर कांग्रेस से 1957 में शुरू हुआ था। विजयाराजे सिंधिया ने 1957 और 1962 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही जीता था। 1967 के चुनाव से पहले उन्होंने स्वतंत्र पार्टी का दामन थाम लिया और कांग्रेस छोड़ दी। सिंधिया राजघराना 1971 लोकसभा चुनाव से पहले जनसंघ में शामिल हुई हैं और 2001 तक अपने मृत्यु तक पहले जनसंघ फिर भारतीय जनता पार्टी में रहीं। विजयाराजे सिंधिया के अलावा उनके बेटे माधवराव सिंधिया ने 1996 और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी है।

मध्य प्रदेश की समझें राजनीति गणित

इसके बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से आठ विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है। हालांकि, लापता हुए 10 विधायकों में से अब केवल कांग्रेस के दो विधायक हरदीप सिंह डंग एवं रघुराज कंसाना ही बचे हैं, जो अब तक गायब हैं।

 मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।

Web Title: Jyotiraditya Scindia will not join BJP today, BJP's CEC meeting ends

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