'पिता की मौत और 10 मार्च का दिन जीवन के दो अहम मोड़', BJP में शामिल होते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गिनाईं दो अहम तारीखें

By स्वाति सिंह | Updated: March 11, 2020 15:14 IST2020-03-11T15:14:52+5:302020-03-11T15:14:52+5:30

मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय पर सदस्यता ग्रहण की है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आज ही उनका नाम राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित कर सकती है।

Jyotiraditya Scindia joins BJP says Father's death and March 10 are two important turning points in life, | 'पिता की मौत और 10 मार्च का दिन जीवन के दो अहम मोड़', BJP में शामिल होते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गिनाईं दो अहम तारीखें

मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

Highlightsज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार (11 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हैं।ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे जिंदगी में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रही है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया  बुधवार (11 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे जिंदगी में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रही है। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जी का शुक्रिया की उन्होंने अपने परिवार में स्थान दिया।

सिंधिया ने कहा 'मेरे जीवन में दो तारीख काफी अहम रही हैं, इनमें पहला 30 सितंबर 2001 जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो जिंदगी बदलने वाला दिन है। और दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 को जहां जीवन में एक बड़ा निर्णय मैंने लिया है। इसके साथ ही सिंधिया ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस पहले थी वो अब नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा 'आज मन बहुत व्यथित और दुखी है। जो कांग्रेस पार्टी पहले थी वो आज नहीं रही, उसके तीन मुख्य बिंदु हैं। '

बता दें कि मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय पर सदस्यता ग्रहण की है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आज ही उनका नाम राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित कर सकती है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहरा गया। कमलनाथ सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केवल 88 विधायक पहुंचे थे और 26 विधायक अता-पता नहीं चला। इन 26 विधायकों में से 22 विधायकों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने अपने पार्टी के 19 विधायकों के साथ बैठक की, जिन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सिंधिया के साथ कोई भी जाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें गुमराह किया गया और बेंगलुरु ले जाया गया, ज्यादातर ने कहा कि वे बीजेपी में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं। 

वहीं, कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने कहा कि हमारे पास गिनती है, जो हम विधानसभा के पटल पर साबित कर देंगे, नंबर की कोई कमी नहीं है। बेंगलुरु वाले विधायक हमारे साथ हैं, वो कांग्रेस के साथ हैं। विधानसभा में हम अपना बहुमत सिद्ध करेंगे। बीजेपी के विधायक भी हमारे टच में हैं। कुल 4 निर्दलीय विधायक हैं, चारों हमारे साथ हैं। विधायक सभी हमारे साथ हैं जो सिंधिया जी के साथ गए हैं वो भी हमारे साथ हैं क्योंकि वो समझ रहे हैं कि एक व्यक्ति की महत्वकांक्षा के चलते उन सबके ​भविष्य दांव पर हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।
 

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