ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होने के लिए बीजेपी मुख्यालय पहुंचे, अमित शाह की मौजूदगी में लेंगे सदस्यता
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 11, 2020 14:34 IST2020-03-11T14:27:06+5:302020-03-11T14:34:24+5:30
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बुधवार (11 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने जा रहे हैं। इस दौरान उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय पर सदस्यता ग्रहण करवाई जाएगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ ही मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। मंगलवार की सुबह जब देश होली मना रहा था, तभी सिंधिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। इससे पहले, मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधिया की बैठक लगभग एक घंटे तक चली। इसके बाद सिंधिया ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया।
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। समझा जाता है कि सिंधिया को राज्यसभा भेजे जा सकता है और उन्हें बाद में केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है ।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।