नई दिल्ली, 03 अक्टूबरःसुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने मंगलवार को 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। बता दें, जस्टिस रंजन गोगोई 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। इससे पहले वो पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे बड़े फैसले सुनाए जिनका देश पर गहरा असर पड़ा।
जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। उन्होंने 1978 में बतौर वकील पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी 2001 को स्थायी जज बने। 12 फरवरी 2011 को रंजन गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हुए। 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर भारत से आने वाले पहले जज हैं जो देश के प्रधान न्यायाधीश के पद को सुशोभित हो गए हैं। वे 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होंगे।ये हैं चर्चित फैसलेसाल 2016 के अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के उस आदेश को खारिज कर दिया था। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर मुफ्त सरकारी आवास देने की व्यवस्था की गई थी। ये फैसला जस्टिस गोगोई की बेंच से ही निकला था। कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ बच्चन के टैक्स चुराने मामले पर भी जस्टिस गोगोई ने बड़ा फैसला दिया था। मई 2016 में जस्टिस गोगोई और जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने मुंबई हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ की कमाई के असेसमेंट पर रोक लगाई गई थी। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि अमिताभ ने 2002-03 के दौरान हुई कमाई पर 1.66 करोड़ रुपये का कम टैक्स चुकाया है। यह फैसला भी रहा अहम
इसके अलावा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व व चल रहे मुकदमों का ब्यौरा देने का फैसला भी जस्टिस गोगोई ने ही सुनाया। उन्होंने ही कन्हैया कुमार के केस में एसआईटी के गठन से इंकार किया था। कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्नन को छह माह की सजा सुनाने वाली संविधान पीठ में भी ये शामिल थे। मौजूदा समय में जस्टिस गोगोई असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन मामले की सुनवाई कर रहे हैं।