सिर्फ नोट बरामदगी समुचित साक्ष्य नहीं : न्यायालय

By भाषा | Updated: February 3, 2021 22:20 IST2021-02-03T22:20:15+5:302021-02-03T22:20:15+5:30

Just note seizure is not enough evidence: Court | सिर्फ नोट बरामदगी समुचित साक्ष्य नहीं : न्यायालय

सिर्फ नोट बरामदगी समुचित साक्ष्य नहीं : न्यायालय

नयी दिल्ली, तीन फरवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि भ्रष्टाचार रोधी कानून के प्रावधानों के तहत महज नोट की बरामदगी के आधार पर अपराध साबित करने और आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आरोप नहीं बनता है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए बिना किसी संदेह के आरोप साबित करना होगा कि आरोपी ने अपनी इच्छा से रिश्वत की रकम स्वीकार की।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘यह तय व्यवस्था है कि महज बरामदगी से आरोपी के खिलाफ अभियोजन का आरोप साबित नहीं होता। भ्रष्टाचार रोधी कानून, 1988 की धारा सात, 13 (एक) (डी) (आई) और (आईआई) के तहत कहा गया है कि बिना किसी संदेह के आरोप साबित होना जरूरी है कि आरोपी को पता था कि जो रकम उसने स्वीकार की, वह रिश्वत है।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि घूस मांगे जाने का कोई सबूत नहीं होने और महज नोट की बरामदगी से अपराध साबित नहीं हो जाता।

मदुरै नगर निगम में सफाई निरीक्षक रहे एन विजयकुमार की अपील पर यह फैसला आया। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था।

निचली अदालत ने मामले में उन्हें बरी कर दिया था लेकिन इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

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Web Title: Just note seizure is not enough evidence: Court

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