Coronavirus: 16 साल की उम्र में छोड़ा स्कूल, फिर की कोरोना वायरस की खोज, जानिए 56 साल पहले कैसे हुआ था ये कमाल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 21, 2020 09:05 IST2020-04-21T09:05:39+5:302020-04-21T09:05:39+5:30

कोरोना वायरस का कहर आज पूरी दुनिया झेल रही है। इसकी खोज का श्रेय महिला स्कॉटिश वायरोलॉजिस्ट डॉ. जून अल्मीडा को जाता है। उन्होंने 1964 में इसकी खोज की थी।

june almeida the women Virologist who dicovered first coronavirus | Coronavirus: 16 साल की उम्र में छोड़ा स्कूल, फिर की कोरोना वायरस की खोज, जानिए 56 साल पहले कैसे हुआ था ये कमाल

कैसे और किसने की थी कोरोना वायरस की खोज, जानिए

Highlightsमहिला स्कॉटिश वायरोलॉजिस्ट डॉ. जून अल्मीडा ने खोजा था सबसे पहले कोरोना वायरसअल्मीडा को 16 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ना पड़ा था, बस ड्राइवर थे अल्मीडा के पिता

दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित करने और जान लेने वाला वायरस कोरोना आज से 56 साल पहले 1964 में एक महिला स्कॉटिश वायरोलॉजिस्ट डॉ. जून अल्मीडा ने खोजा था. डॉ. अल्मीडा का जन्म स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर के एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था. उनके पिता बस ड्राइवर थे. इस वायरस का नाम कोरोना पड़ने की भी एक अलग कहानी है.

दरअसल डॉ. अल्मीडा एक दिन जब अपने इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप में देख रही थी, तभी उन्हें एक वायरस दिखा जो आकार में गोल था और उसके चारों तरफ कांटे निकले हुए थे. ठीक वैसे ही जैसे सूर्य का कोरोना होता है. इसके बाद इस वायरस का नाम रखा गया कोरोना रखा गया. डॉ. अल्मीडा ने 34 साल की आयु में इस कोरोना वायरस की खोज की थी. हालांकि घर आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अल्मीडा को 16 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ना पड़ा था.

इस दौरान उन्हें ग्लासगो रॉयल इन्फर्मरी में लैब टेक्नीशियन की नौकरी मिल गई थी. उनका मन जब इस काम में धीरे-धीरे लगने लगा तो उन्होंने इसी को अपना कॅरियर बना लिया. बाद में वे लंदन आईं और सेंट बाथार्ेलोमियूज हॉस्पिटल में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने लगीं.

वर्ष 1954 में वेनेजुएला के कलाकार एनरीक अल्मीडा से शादी कर वे अपने पति के साथ कनाडा चली गई. जून अल्मीडा को बाद मंे टोरंटो शहर के ओंटारियो कैंसर इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रॉन माइक्रस्कोपी टेक्नीशियन बनाया गया. उनके काम से प्रभावित ब्रिटेन ने 1964 में उन्हें लंदन के सेंट थॉमस मेडिकल स्कूल ने नौकरी का ऑफर दिया. लंदन आने के बाद डॉ. जून अल्मीडा ने डॉ. डेविड टायरेल के साथ रिसर्च करना शुरू किया.

उन दिनों डॉ. टायरेल और उनकी टीम सामान्य सर्दी-जुकाम पर शोध कर रही थी. डॉ. टायरेल ने बी-814 नाम के फ्लू जैसे वायरस के सैंपल जांचने के लिए जून अल्मीडा के पास भेजे थे. अल्मीडा ने वायरस की इलेक्ट्रॉनिक माइक्र ोस्कोप से तस्वीर निकाली. बाद में उन्होंने इस पर एक रिसर्च पेपर लिखा तो उसे यह कहकर अस्वीकृत कर दिया कि फोटो काफी धुंधली है.

इसी दौरान अल्मीडा ने कोरोना वायरस को खोजा जो सूर्य के कोरोना की तरह कंटीला और गोल था. उस दिन इस वायरस का नाम कोरोना वायरस रखा गया. डॉ. जून अल्मीडा का निधन 2007 में 77 साल की उम्र में हुआ था.

Web Title: june almeida the women Virologist who dicovered first coronavirus

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