इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हुए नाराज, 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नहीं मिला नाश्ता, रजिस्ट्रार ने रेलवे से मांगा जवाब

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 19, 2023 09:12 IST2023-07-19T09:08:46+5:302023-07-19T09:12:55+5:30

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नाश्ता न दिये जाने को लेकर बेहद आहत हो गये। इतना नतीजा यह हुआ कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने उत्तर मध्य रेलवे को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है।

Judge of Allahabad High Court got angry, breakfast was not available in train running late by 3 hours, registrar sought answer from railway | इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हुए नाराज, 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नहीं मिला नाश्ता, रजिस्ट्रार ने रेलवे से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज हुए नाराज, 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नहीं मिला नाश्ता, रजिस्ट्रार ने रेलवे से मांगा जवाब

Highlightsइलाहाबाद हाईकोर्ट के जज 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नाश्ता न दिये जाने से हुए आहतजज बीते 8 जुलाई को  नई दिल्ली से प्रयागराज आने के लिए पुरूषोत्तम एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थेहाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने उत्तर मध्य रेलवे को नोटिस जारी करते हुए इस संबंध में जवाब-तलब किया है

नयी दिल्ली: उत्तर मध्य रेलवे हाईकोर्ट के जज के निशाने पर आ गया है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज 3 घंटे देरी से चल रही ट्रेन में नाश्ता न दिये जाने को लेकर बेहद आहत हो गये। इतना नतीजा यह हुआ कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने उत्तर मध्य रेलवे को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है।

जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज बीते 8 जुलाई को  नई दिल्ली से प्रयागराज आने के लिए पुरूषोत्तम एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। पुरूषोत्तम एक्सप्रेस तीन घंटे विलंब से प्रयागराज जंक्शन पहुंची लेकिन इस दौरान रेलवे की ओर से जज को किसी तरह का नाश्ता नहीं दिया गया।

जिसके बाद जज ने रेलवे कार्यप्रणाली पर बेहद गंभीर सवाल उठाते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की। इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने फौरन संज्ञान लिया और रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखकर 8 जुलाई को हुई इस घटना से न्यायाधीश को हुई "असुविधा" के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।

समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा 14 जुलाई को लिखे पत्र में कहा गया है कि पुरूषोत्तम एक्सप्रेस के तीन घंटे से अधिक विलंबित होने के बाद भी नास्ता उपलब्ध नहीं कराए जाने सहित अन्य कारणों से जज को आधिपत्य असुविधा हुई, जिसके कारण उनके मन में रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी है। इस कारण उत्तर मध्य रेलवे अपनी ओर से स्पष्टिकरण दे कि ऐसी घटना किन परिस्थितियों में हुई।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से मिले नोटिस के संबंध में उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बीते मंगलवार को कहा, “हमने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से मिले स्पष्टिकरण पत्र का संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और माननीय हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी जाएगी।”

इसके साथ ही रेलवे अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करना है। हम देख रहे हैं कि चूक कहां हुई है। मामले की जांच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से की जा रही है।''

जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष कुमार श्रीवास्तव की ओर से यह पत्र उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को लिखा गया है। उस पत्र में लिखा है, "आपको सूचित किया जाता है कि हाल ही में माननीय न्यायमूर्ति... को नई दिल्ली से प्रयागराज तक की ट्रेन यात्रा के दौरान असुविधा का सामना करना पड़ा।"

पत्र में आगे कहा गया है कि जज 8 जुलाई को पत्नी समेत पुरूषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में यात्रा कर रहे थे। वह ट्रेन तीन घंटे से अधिक विलंब थी। यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई) को बार-बार सूचित करने के बावजूद कोच में कोई भी सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) कर्मी नहीं मिला। इसके अलावा बार-बार कॉल करने के बावजूद पेंट्रीकार का भी कोई भी कर्मचारी नाश्ता लेकर उपस्थित नहीं हुआ। इसके अलावा जब पेंट्रीकार मैनेजर को कॉल की गई तो उसके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।''

रजिस्ट्रार आशीष कुमार श्रीवास्तव के पत्र में यह भी कहा गया कि इस घटना से माननीय न्यायाधीश को आधिपत्य असुविधा और नाराजगी हुई। अतः इस संबंध में माननीय न्यायाधीश चाहते हैं कि रेलवे के दोषी अधिकारियों, जीआरपी कर्मियों और पेंट्री कार मैनेजर से स्पष्टीकरण मांगा जाए।

इस पत्र के अंत में कहा गया है कि रेलवे संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे और उनसे मिले जवाब को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजें ताकि इसे "महामहिम न्यायाधीश के अवलोकनार्थ" रखा जा सके।

Web Title: Judge of Allahabad High Court got angry, breakfast was not available in train running late by 3 hours, registrar sought answer from railway

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