जज लोया केस: बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा-स्वतंत्र जांच हो
By IANS | Published: March 6, 2018 05:43 AM2018-03-06T05:43:17+5:302018-03-06T05:48:46+5:30
1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक कलीग की बेटी की शादी में जाते वक्त जस्टिस लोया की मौत हुई थी। तब वह सीबीआई के स्पेशल जज थे।
नई दिल्ली, 5 मार्च: द बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सोमवार को शीर्ष अदालत को बताया कि दिवंगत न्यायाधीश बी.एच. लोया के परिवार को यह कहने के लिए मजबूर किया गया होगा कि वे उनकी मौत के मामले की जांच दोबारा नहीं चाहते, लेकिन मौत के इर्द-गिर्द जो संदेहास्पद परिस्थितियां सामने आई हैं, उससे स्वतंत्र जांच करवाना न्यायसंगत है। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने न्यायाधीश लोया की मौत के संबंध में उस समय की घटनाओं को सिलसिलेवार पेश करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ को बताया कि लोया की मौत के इर्द-गिर्द की परिस्थितियां संदेह पैदा करती हैं।
दवे बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए थे। उन्होंने शक जाहिर करते हुए कहा कि क्या न्यायाधीश लोया के परिवार ने अपनी इच्छा से यह कहा है कि वे अब उनकी मौत की कोई जांच नहीं करवाना चाहते हैं? उन्होंने न्यायाधीश लोया के परिवार को ओर से दिए साक्षात्कारों की एक श्रंखलाओं का जिक्र किया और हृदयाघात के कारण उनकी मौत होने की बात कहे जाने पर सवाल उठाया।
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि बंबई उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति लोया के बेटे को अपने कक्ष में क्यों बुलाया और उसके बाद एक बयान जारी किया गया। यह संदेह उत्पन्न करता है। इसके अलावा दो न्यायाधीशों ने कैसे और किसकी अनुमति से इंडियन एक्सप्रेस को साक्षात्कार दिया? यह सब देश के सर्वाधिक रसूखदार व्यक्ति को बचाने के लिए प्रायोजित तरीके से किया गया।
अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत के अधिकारी की हैसियत का हवाला देते हुए जब दवे की टिप्पणी पर प्रतिरोध किया तो दवे ने उनसे कहा, "आप इस तरह बोल रहे हैं, जैसे अदालत के अधिकारी नहीं, बल्कि अमित शाह के वकील हों।"
क्या है जस्टिस लोया की मौत का मामला
1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक कलीग की बेटी की शादी में जाते वक्त जस्टिस लोया की मौत हुई थी। तब वह सीबीआई के स्पेशल जज थे। तब उनकी मौत को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले से जोड़ कर देखा गया था। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह पर भी आरोप लग थे। जस्टिस लोया मामले में जज थे। मौत के ठीक बाद उनकी बहन ने आशंका ऐसी आशंका जाहिर की थी कि यह आम मौत नहीं थी।
इसके बाद बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील अहमद आबिदी ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। जबकि महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन ने कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला के साथ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जस्टिस अरुण मिश्रा व जस्टिस एमएम शांतानागौदर ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया था।