न्यायामूर्ति गोगोई के बोल, आम आदमी की सेवा के लिए न्यायपालिका को सुधार नहीं क्रांति की जरूरत
By भाषा | Updated: July 12, 2018 23:36 IST2018-07-12T23:36:24+5:302018-07-12T23:36:24+5:30
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने आज कहा कि न्यायपालिका को आम आदमी की सेवा के योग्य बनाए रखने के लिए ‘‘ सुधार नहीं एक क्रांति ’’ की जरूरत है।

न्यायामूर्ति गोगोई के बोल, आम आदमी की सेवा के लिए न्यायपालिका को सुधार नहीं क्रांति की जरूरत
नई दिल्ली , 12 जुलाई: उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने आज कहा कि न्यायपालिका को आम आदमी की सेवा के योग्य बनाए रखने के लिए ‘‘ सुधार नहीं एक क्रांति ’’ की जरूरत है। न्यायमूर्ति गोगोई ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायपालिका को और ‘‘ अधिक सक्रिय ’’ रहना होगा।
न्यायमूर्ति गोगोई ने यहां तीन मूर्ति भवन के प्रेक्षागृह में ‘‘ न्याय की दृष्टि ’’ विषय पर तीसरा रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान में कहा कि न्यायपालिका ‘‘ उम्मीद की आखिरी किरण’’ है और वह ‘‘ महान संवैधानिक दृष्टि का गर्व करने वाला संरक्षक ’’ है। इस पर समाज का काफी विश्वास है।
उन्होंने समाचार पत्र ‘ इंडियन एक्सप्रेस ’ में ‘ हाउ डेमोक्रेसी डाइज ’ शीर्षक से प्रकाशित एक लेख का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘... स्वतंत्र न्यायाधीश और मुखर पत्रकार लोकतंत्र की रक्षा करने वाली अग्रिम पंक्ति हैं । उन्होंने न्याय प्रदान करने की ‘‘ धीमी प्रक्रिया ’’ पर चिंता जतायी और कहा कि यह ऐतिहासिक चुनौती रही है।
वहीं, हाल ही में ख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सोमवार को 'मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना' को मंजूरी दे दी, जिसके तहत दिल्ली सरकार हर साल 77 हजार तीर्थयात्रियों का खर्च वहन करेगी। दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता के टकराव के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल अनिल बैजल की सभी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना मंजूर। सभी आपत्तियां दरकिनार।' इस योजना के तहत दिल्ली के 60 साल से अधिक उम्र के लोग पात्र होंगे। सरकार ने कहा कि योजना के तहत चयनित लोगों को 18 साल या इससे अधिक उम्र का एक अटेंडेंट साथ ले जाने की अनुमति दी जाएगी और उनका खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी।
इसके अनुसार दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों से हर साल 1,100-1,100 वरिष्ठ नागरिक नि:शुल्क तीर्थयात्रा कर सकेंगे। सरकार ने कहा कि इसके तहत तीर्थयात्रा की अवधि तीन दिन दो रात की होगी।
दिल्ली-मथुरा-वृंदावन-आगरा-फतेहपुर सीकरी-दिल्ली,दिल्ली-हरिद्वार-रिषिकेश-नीलकंठ-दिल्ली, दिल्ली-अजमेर-पुष्कर-दिल्ली, दिल्ली-अमृतसर-वाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब-दिल्ली और दिल्ली-वैष्णो देवी-जम्मू-दिल्ली मार्गों पर धार्मिक यात्रा कर सकेंगे।