Joshimath: अधिक दरार पड़े होटलों और मकानों को आज गिराया जाएगा, असुरक्षित जोन घोषित क्षेत्रों को खाली कराया गया
By अनिल शर्मा | Published: January 10, 2023 09:26 AM2023-01-10T09:26:51+5:302023-01-10T09:26:51+5:30
राज्य के मुख्य सचिव एस एस संधू ने सोमवार को कहा कि एक-एक मिनट अहम है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के एक बुलेटिन के अनुसार जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है, वहीं 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
देहरादूनः उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव जारी है। दरार पड़ने वाले घरों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। इस बीच प्रशासन द्वारा असुरक्षित जोन घोषित क्षेत्रों को खाली करा लिया गया है। जोशीमठ के जिन होटलों और मकानों में अधिक दरारें हैं, उन्हें गिराने का काम आज किया जाएगा। जोशीमठ में 19 होटलों, अतिथि गृहों और स्कूल भवनों को तथा शहर से बाहर पीपलकोटी में 20 ऐसे भवनों को प्रभावित लोगों के लिए चिह्नित किया गया है।
राज्य के मुख्य सचिव एस एस संधू ने सोमवार को कहा कि एक-एक मिनट अहम है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के एक बुलेटिन के अनुसार जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है, वहीं 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसमें कहा गया कि अब तक 82 परिवारों को कस्बे में सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। संधू ने जोशीमठ में हालात की समीक्षा के लिए राज्य सचिवालय के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे लोगों को घरों से निकालने के काम में तेजी लाने को कहा ताकि वे सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, ‘‘एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है।’’
जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है। उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी राहत केंद्रों में जाने या किराये के घर में स्थानांतरित होने को कहा है। इसके लिए प्रत्येक परिवार को अगले छह महीने तक राज्य सरकार से 4000 रुपये मासिक सहायता मिलेगी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों को राहत तथा बचाव प्रयासों के लिए तैनात किया गया है। जोशीमठ में 16 स्थानों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाये गये हैं।
उत्तराखंड के जोशीमठ में किसी भी राहत और बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को तैयार रखा गया है। राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र से एनडीआरएफ के बचाव दल शनिवार को स्थान पर पहुंच गए थे। बल के एक प्रवक्ता ने बताया, “एनडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ में जरूरत पड़ने पर जिला प्रशासन की सहायता के लिए तैयार है।”
उन्होंने कहा, “विशेषज्ञ जमीन पर हैं और प्रशासन उनके निर्देशानुसार कार्रवाई करेगा। एनडीआरएफ इसके अनुसार सहयोग करेगी।” आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के एक बुलेटिन के अनुसार, जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी, जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है, जबकि 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
भाषा इनपुट के साथ