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Joshimath: हरिद्वार के लोगों ने 5 ट्रक भेजी राहत सामग्री, 2350 कंबल, 900 पैकेट राशन समेत मेडिकल सामान जोशीमठ पहुंचा

By अनिल शर्मा | Updated: January 11, 2023 13:46 IST

चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना के मुताबिक 700 से अधिक घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा, हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए। 

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ठळक मुद्दे जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ में भूमि धंसने के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम ने कहा कि हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है।कई होटलों के मालिक और स्थानीय लोग मकानों को तोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं।

देहरादूनः उत्तराखंड के जोशीमठ में कई घरों, होटलों और स्कूल भवनों में आई दरारों की वजह से कई परिवार के सामने जीविका से लेकर रहने-खाने तक का संकट आ गया है। ऐसे में हरिद्वार के लोगों ने प्रभावित परिवारों के लिए ट्रकभर कर राहत सामग्री भेजी है। हरिद्वार के नायब तहसीलदार रमेश चंद नौटियाल ने बताया कि हमने विभिन्न व्यापारी से सामग्री एकत्रित कर 5 ट्रकों में करीब 2350 कंबल, 900 पैकेट राशन जिसमें 5-5 किलो आटा-चावल, 1 लीटर खाद्य तेल और अन्य सामग्री जोशीमठ भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल सामान के लिए अलग वाहन तैयार किए जा रहे हैं।

चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना के मुताबिक 700 से अधिक घरों में दरारें पड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा, हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए।  बकौल डीएम- 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है।

उन्होने आगे बताया कि पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें परिलक्षित हुई हैं तो उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे।

 जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ में भूमि धंसने के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों के साथ बैठक की। वहीं मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम ने कहा कि हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है..। रविवार को ये 570 LPM था और कल ये घटकर 250 LPM हो गया। 7 तारीख के बाद नई कोई दरारें विकसित नहीं हुई हैं। ये अच्छी बात है।

गौरतलब है कि कई होटलों के मालिक और स्थानीय लोग मकानों को तोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं।  मलारी होटल में दरारें आने के बाद होटल के मालिक व उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे हैं। हालांकि सरकार ने कहा है कि उनको बाजार के रेट पर मुआवज मिलेगा। 

होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह ने कहा कि आज मेरी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ के तर्ज पर मुआवजा नहीं मिलेगा लेकिन मार्केट रेट पर होगा। हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है...मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं।

उधर,  कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के कई घरों में दरारें दिखाई दीं हैं। स्थानीय एक व्यक्ति ने बताया, "2 साल पुराना हमारा घर है और एक साल से इसमें दरारें आने शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं।"

टॅग्स :उत्तराखण्ड
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