साल 2013 से रोजगार में 29 फीसदी की बढ़ोतरी: सर्वेक्षण
By विशाल कुमार | Published: September 28, 2021 10:17 AM2021-09-28T10:17:13+5:302021-09-28T10:28:39+5:30
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में सर्वेक्षण में शामिल 27 फीसदी प्रतिष्ठानों ने महामारी से संबंधित छंटनी की सूचना दी. छठे आर्थिक सर्वेक्षण में महिला कामगारों की संख्या 31 फीसदी से त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण की पहली तिमाही में 29 फीसदी हो गई.
नई दिल्ली: एक सर्वेक्षण के मुताबिक निर्माण, विनिर्माण और आईटी/बीपीओ सहित नौ चुनिंदा क्षेत्रों में 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 3.08 करोड़ रोजगार के मौके रहे, जो 2013-14 की आर्थिक गणना में पाए गए 2.37 करोड़ मौकों के मुकाबले 29 प्रतिशत बढ़ोतरी को दर्शाता है.
श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को श्रम ब्यूरो द्वारा अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तैयार तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) भाग (अप्रैल से जून 2021) की रिपोर्ट को जारी किया.
यादव ने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि क्यूईएस के पहले दौर में नौ चयनित क्षेत्रों में कुल रोजगार 3.08 करोड़ है, जो छठी आर्थिक गणना के 2.37 करोड़ के मुकाबले 29 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
श्रम ब्यूरो द्वारा एक्यूईईएस का आयोजन नौ चयनित क्षेत्रों के संगठित और असंगठित, दोनों क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति के बारे में पता करने के लिए किया गया.
ये क्षेत्र गैर-कृषि प्रतिष्ठानों में अधिकांश रोजगार देते हैं. इन क्षेत्रों में विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, आईटी/बीपीओ और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चयनित नौ क्षेत्रों के अनुमानित कुल रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 41 प्रतिशत, उसके बाद शिक्षा के क्षेत्र में 22 प्रतिशत और स्वास्थ्य में आठ प्रतिशत का योगदान है. व्यापार के साथ ही आईटी/ बीपीओ प्रत्येक ने श्रमिकों की कुल अनुमानित संख्या का सात प्रतिशत अपने यहां नियोजित किया.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में सर्वेक्षण में शामिल 27 फीसदी प्रतिष्ठानों ने महामारी से संबंधित छंटनी की सूचना दी.
इस दौरान महिला कामगारों की संख्या में भी गिरावट आई, जो छठे आर्थिक सर्वेक्षण में 31 फीसदी से त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण की पहली तिमाही में 29 फीसदी हो गई.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये सर्वेक्षण सामान्य रूप से नीति बनाने और जल्द ही राष्ट्रीय रोजगार नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण होंगे.