दलित छात्रों को बीटेक में पंजीकरण से वंचित करने का जेएनयूएसयू का आरोप, HRD मिनिस्टर को लिखा पत्र
By भाषा | Updated: August 26, 2019 05:33 IST2019-08-26T05:33:32+5:302019-08-26T05:33:32+5:30
JNU: छात्रसंघ के मौजूदा अध्यक्ष एन साई बालाजी ने दावा किया कि दोनों छात्रों को प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय छोड़ने के लिये भी मजबूर किया जा रहा है।

File Photo
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने रविवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पत्र लिखकर दो दलित छात्रों के बीटेक के तीसरे सेमेस्टर में पंजीकरण कथित रूप रोके जाने का आरोप लगाते हुए इसे वापस करने की मांग की है।
छात्रसंघ के मौजूदा अध्यक्ष एन साई बालाजी ने दावा किया कि दोनों छात्रों को प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय छोड़ने के लिये भी मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बिना किसी उचित भवन, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, छात्रावासों और स्थायी शिक्षकों के जेएनयू में इंजीनियरिंग स्कूल शुरू किया गया।
साईबाला ने कहा, "जल्दबाज़ी और अनियोजित कदमों से बी-टेक के छात्रों के पहले बैच के लिए परेशानियां खड़ी कर दी गईं जिसकी भरपाई शायद ही की जा सके। अपर्याप्त सुविधाओं के कारण गंवाया हुआ वर्ष वापस नहीं आएगा।"
उन्होंने कहा कि अचानक छात्रों से कहा गया कि उनके पास जरूरी ग्रेड नहीं हैं इसलिए जुलाई 2019 में शुरू होने वाले तीसरे सेमेस्टर में उनका पंजीकरण रोका जा रहा है। बालाजी ने निशंक और सिसोदिया से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि स्कूल आफ इंजीनियरिंग में उचित आधारभूत ढांचा और नियमों में पारदर्शिता हो। इसके साथ ही वहां सुधार के साथ ही पूरक परीक्षा के अवसर हों। जेएनयू रजिस्ट्रार से सम्पर्क करने के प्रयास किये गए लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।