नयी दिल्ली, 18 अगस्तः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एवं गायक हंस राज हंस ने प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने का सुझाव दिया है। हंस की शनिवार को की गई इस टिप्पणी पर कांग्रेस और जेएनयू छात्र संघ समेत कुछ अन्य लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तरपश्चिम दिल्ली से सांसद हंस ने ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में यह सुझाव दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने देश के शहीद सैनिकों के सम्मान में किया था।
कार्यक्रम में हंस ने कहा, “जेएनयू का नाम बदल कर एमएनयू कर दिया जाना चाहिए। मोदीजी के नाम पर कुछ तो हो।” रविवार को पीटीआई भाषा से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह छात्रों के साथ बातचीत थी और मेरे द्वारा यह सुझाव दिया गया कि अगर विश्वविद्यालय का नाम किसी राजनेता के नाम पर होना है तो इसे मोदी के नाम पर क्यों न रखा जाए।” उन्होंने कहा, “यद्यपि हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करते हैं लेकिन अगर किसी ने कोई गलती की है तो आपको उसे स्वीकार करने की जरूरत है। देश का विभाजन, अनुच्छेद 370 नेहरू द्वारा की गई कुछ ऐसी ही गलतियां हैं।”
उन्होंने रविवार को कहा, “मैंने कहा कि अगर इसे किसी राजनेता के नाम पर ही रखना है तो क्यों न इसका नाम एमएनयू-मोदी नरेंद्रभाई यूनिवर्सिटी रखा जाए।” हंस ने कहा कि यह उनके द्वारा मोदी या भाजपा को खुश करने का कोई प्रयास नहीं है। उन्होंने आम आदमी की तरह ये बात कही है न कि संसद सदस्य या राजनेता के तौर पर। उनकी टिप्पणी पर जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, “अब जब विश्वविद्यालय जुमला निर्माण केंद्रों में तब्दील हो रहे हैं तो क्यों न सभी विश्वविद्यालयों के नाम मोदी के नाम पर कर दिए जाएं।” इसके अलावा जेएनयू छात्र संघ के महासचिव ऐजाज अहमद ने आरोप लगाया कि यह भाजपा और आरएसएस की रणनीति है। इस पर एक सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि उन्हें डर है कि मौजूदा सरकार देश का नाम भी बदल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें डर है कि हमारे देश का नाम बदल जाएगा (मौजूदा सरकार में)। उनके जैसे शख्स को मुख्यधारा का नेता नहीं कहा जा सकता जिसके नाम का आपने अभी जिक्र किया।’’