JNU हिंसा के दौरान नकाबपोश बदमाश चिल्ला रहे थे "जय श्री राम": रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 7, 2020 10:16 IST2020-01-07T10:16:04+5:302020-01-07T10:16:04+5:30
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार को हुए हिंसा के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं। इसी बीच कल से कुछ वॉट्सएप की चैट वायरल हो रहा है। ये चैट अलग-अलग वॉट्सएप ग्रुप्स पर की गईं। इस वॉट्सएप ग्रुप में लगभग आठ एबीवीपी, जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज के एक शिक्षक और दो पीएचडी सदस्य शामिल हैं।

JNU हिंसा के दौरान नकाबपोश बदमाश चिल्ला रहे थे "जय श्री राम": रिपोर्ट
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हमला करने आए सैकड़ों नकाबपोश बदमाश सरकारी संपत्ति व छात्र-छात्राओं पर हमले के दौरान जय श्री राम का नारा लगा रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने इस बात की पुष्टी की है कि मारपीट के दौरान न सिर्फ बदमाशों में चुन-चुनकर छात्र नेताओं पर हमला किया बल्कि हमले से पहले जय श्री राम का नारा भी लगा रहे थे। न्यूयार्क टाइम्स ने अपने रिपोर्ट में इस बात की पुष्टी की है।
इसके अलावा बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार को हुए हिंसा के बाद कई सवाल खड़े हुए हैं। इसी बीच कल से कुछ वॉट्सएप की चैट वायरल हो रहा है।
ये चैट अलग-अलग वॉट्सएप ग्रुप्स पर की गईं। इस वॉट्सएप ग्रुप में लगभग आठ एबीवीपी, जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज के एक शिक्षक और दो पीएचडी सदस्य शामिल हैं।
रविवार को हुई हिंसा में लगभाग तीन व्हाट्सएप ग्रुपों एक्टिव थे, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ हिंसा की धमकी देने के मेसेज चल रहे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इन व्हाट्सएप ग्रुप में जेएनयू के प्रमुख प्रॉक्टर विवेकानंद सिंह समूह 'फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस' के सदस्य थे, जो हिंसा से पहले और उस दौरान एक्टिव ग्रुप में से एक था। हालांकि इसपर सिंह ने कहा है कि उन्हें इस ग्रुप में हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं पता था।
उन्होंने कहा 'मैं इस ग्रुप में एक्टिव सदस्य नहीं हूं और अब इसे छोड़ दिया है। मेरे लिए अभी जो सबसे महत्वपूर्ण है वह ये की शांति बहाल करना। ग्रुप होने के बाद भी वे सभी मेरे छात्र हैं। मैं इस विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं और यह भावनात्मक रूप से भी मेरे लिए बहुत कोशिश का समय है। कई बार जब आप ऐसे ग्रुप के मेसेज को भी नहीं देखते हैं।' बता दें कि सिंह 2004 में एबीवीपी के प्रेसिडेंट पद के उम्मीदवार रहे थे।
वहीं, दूसरे ग्रुप 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' में लगभग आठ एबीवीपी के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारी थे। विजय कुमार, जेएनयू एबीवीपी इकाई के विभागाध्यक्ष प्रशासकों में से एक हैं। लेकिन उन्होंने कहा 'मुझे एक अज्ञात नंबर द्वारा जोड़ा गया था और उस ग्रुप का एडमिन बनाया गया था। जब मैंने अपना व्हाट्सएप चेक किया तो मैंने तुरंत ही उस ग्रुप को छोड़ दिया। मुझे अब अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे फोन आ रहे हैं।' विजय कुमार जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के पीएचडी लास्ट ईयर के छात्र हैं।