JK-Ladakh Lok Sabha election 2024 winners list: जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी का सूपड़ा साफ, भाजपा और नेकां ने बांट ली 2-2 सीटें, लद्दाख और जेके में एक-एक सीट आजाद प्रत्याशी जीते
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 4, 2024 16:33 IST2024-06-04T16:30:34+5:302024-06-04T16:33:07+5:30
JK-Ladakh Lok Sabha Election Results 2024: जम्मू लोकसभा क्षेत्र में जहां भाजपा के जुगल किशोर शर्मा ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रमण भल्ला को हरा दिया।

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JK-Ladakh Lok Sabha Election Results 2024: जम्मू कश्मीर में इस बार कांग्रेस के साथ-साथ पीडीपी का भी सूपड़ा साफ हो गया है।पिछले चुनावों में पहली बार नेशनल कांफ्रेंस का एक भी उम्मीदवार लोकसभा तक नहीं पहुंच पाया था लेकिन इस बार उसने कश्मीर की दो सीटों पर कब्जा कर लिया तो भाजपा भी जम्मू व उधमपुर की सीटों पर कब्जा बरकरार रखने में कामयाब हुई है। हालांकि लद्दाख में उसे झटका जरूर लगा है जहां आजाद उम्मीदवार की किस्मत लद्दाखियों ने जगा दी है। जम्मू लोकसभा क्षेत्र में जहां भाजपा के जुगल किशोर शर्मा ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रमण भल्ला को हरा दिया वहीं उधमपुर से भाजपा के जितेंद्र सिंह ने हाल ही में पाला बदल कर कांग्रेस में शामिल होने वाले चौधरी लाल सिंह को हरा दिया।
रमण भल्ला दूसरी बार तथा लाल सिंह ने तीसरी बार इस संसदीय क्षेत्र से किस्मत आजमाने की कोशिश की थी। भाजपा के दोनों प्रत्याशियों ने जीत की हैट ट्रिक जरूर बनाई है। जानकारी के लिए जम्मू लोकसभा क्षेत्र से 8 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की थी तो पिछले दो चुनावों में भाजपा ने इसे छीन लिया था। इसी प्रकार मोदी लहर ने पिछले दो चुनावों उधमपुर सीट पर अपना असर दिखाया था।
जिसका परिणाम था कि कांग्रेस की गढ़ समझे जाने वाली इस सीट पर भाजपा ने 6ठी बार जीत हासिल की है। रोचक तथ्य इन दोनों सीटों के प्रति यह था कि इन पर कांग्रेस का नेकां व पीडीपी के साथ गठजोड़ था फिर भी उसे हार का मुंह देखना पड़ा। सबसे अधिक चौंकाने वाली जीत कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर देखने को मिली जहां से स्वतंत्र उम्मीदवार जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने हासिल की।
जिन्होंने 4.46 लाख वोट हासिल कर अपने तगड़े प्रतिद्वंद्वी पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दो लाखों वोटों से हरा दिया। हालांकि उनकी जीत पर उन्हें बधाई देते हुए उमर अब्दुल्ला ने यह तंज जरूर कसा है कि बारामुल्ला के वोटर उन्हें जेल से रिहा नहीं करवा सकते इसलिए संसद में उनका प्रतिनिधित्व कोई नहीं कर पाएगा। पीडीपी को कश्मीर की तीनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है।
खुद पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती राजौरी-अनंतनाग सीट से नेशनल कांफ्रेंस के मियां अल्ताफ से 2 लाख 80 हजार वोटों से हार गईं तो श्रीनगर की सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार वहीदुर रहमान पारा को नेकां के आगा सईद रूहुल्लाह मेहदी ने 1.72 लाख वोटों से हरा दिया। मेहदी ने 3.31 लाख मत हासिल किए।
रिकार्ड के बकौल, अनंतनाग को पीडीपी अपनी बपौती समझने लगी थी क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री का गृह जिला था तथा पीडीपी दो बार इस पर कब्जा जमा चुकी थी। जबकि बारामुल्ला नेकां का ही गढ़ माना जाता रहा है जिस पर उसने 8 बार जीत हासिल तो की पर पिछला चुनाव पीडीपी से हार गई थी। इसी प्रकार श्रीनगर को भी नेकां का गढ़ माना जाता रहा है।
जहां से नेकां ने 10 बार जीत हासिल की थी और डा फारूक अब्दुल्ला चार बार इस सीट से लोकसभा पहुंचे हैं। हालांकि वे पिछला चुनाव जरूर मोदी लहर के कारण हार गए थे। इस बार लद्दाख में मोदी का जादू नहीं चल पाया और न ही कांग्रेस-नेकां का गठबंधन। लद्दाख में स्वतंत्र उम्मीदवार मुहम्मद हनीफा 28 हजार मतों से विजयी हुए हैं।
जिन्होंने कांग्रेस व नेकां के संयुक्त उम्मीदवार तेजरिंग नामग्याल को 28 हजार मतों से हराया है। जबकि भाजपा के ताशी ग्यालसन 31 हजार वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे हैं। रिकार्ड के मुताबिक लद्दाख की जनता ने इससे पहले 4 बार आजाद उम्मीदवारों को लोकसभा भेजा था।